गुडग़ांव।
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रहेजा, कशिश सहित 16 अन्य डेवलपर्स के खिलाफ नॉन बेलेबल वॉरंट रेरा ने किया जारी, पुलिस को भी दिया नोटिस
रेरा रिलीज 7 दिसंबर गुड़गांव
रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA), गुरुग्राम के आदेशों का उल्लंघन करने के लिए अठारह बिल्डरों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी।
पुलिस को भी रेरा ने भेजा स्पष्टीकरण नोटिस गैर जमानती वारंट पर कार्यवाही नहीं करने के लिए।
एओ (adjudicating officer) की अदालत के द्वारा जारी आज्ञा का पालन नहीं करने के कारण 18 बिल्डर्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
ज्ञात हो कि 86 शिकायतकर्ताओं ने इन 18 बिल्डर्स के खिलाफ रेरा कोर्ट के आदेश न मानने के मामलों AO कोर्ट में दाखिल किए थे।
AO कोर्ट ने इन अवमानना को सही ठहराते हुए बिल्डर्स को आदेश जारी किए थे की वो शिकायतकर्ता को कोर्ट के आदेशानुसार न्याय दे। मगर बिल्डर्स ने न रेरा कोर्ट के आदेश को नकारा बल्कि AO के आदेश को भी दरकिनार किया।
AO कोर्ट ने इन अवमानना के लिए इन 18 बिल्डर्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। ये सभी वारंट वर्ष 2022 में किए गए हैं मगर पुलिस ने इन आदेशों का पालन नहीं किया जिसके लिए AO कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को भी स्पष्टीकरण नोटिस भेजा है।
अधिकतम अवमानना के मामले रहेजा डेवलपर्स लिमिटेड के खिलाफ हैं, इसके बाद अंसल हाउसिंग और अन्य हैं।
एओ कोर्ट ने 20 अलग-अलग अवमानना मामलों में रहेजा डेवलपर्स लिमिटेड के खिलाफ बीस (20) गैर जमानती वारंट जारी किए, जिसमें एओ कोर्ट ने उन शिकायतकर्ताओं सह आवंटियों के पक्ष में डिक्री पारित की, जिन्होंने रेरा के आदेशों के निष्पादन के लिए अपनी अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
अन्य सत्रह अवमानना मामलों में अंसल हाउसिंग एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के खिलाफ एओ कोर्ट द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं।
ताशी लैंड डेवलपर्स लिमिटेड के खिलाफ, दस अलग-अलग अवमानना मामलों में दस गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं, इसके बाद इंटरनेशनल लैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ छह गैर जमानती वारंट, वाटिका लिमिटेड के खिलाफ पांच गैर जमानती वारंट, रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स लिमिटेड के खिलाफ चार, तीन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। इरियो ग्रेस रियलटेक, इंपीरिया स्ट्रक्चर लिमिटेड और कशिश डेवलपर्स लिमिटेड प्रत्येक, एंगल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, सीएचडी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, आईएलडी मिलेनियम एंड सुपरटेक लिमिटेड और तिरुपति बिल्डप्लाजा प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दो-दो और अलीम इंफोटेक सिटी प्राइवेट लिमिटेड, ब्लैकबेरी रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक-एक। क्लेरियन प्रॉपर्टीज लिमिटेड, आइडेंटिटी बिल्डटेक, कृष रियलटेक लिमिटेड, सारे गुरुग्राम प्राइवेट लिमिटेड और सेपसेट प्रॉपर्टीज लिमिटेड।
“जबकि एंगल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को डिक्री धारक को मार्जिन में उल्लिखित राशि का भुगतान करने के लिए प्राधिकरण के एक डिक्री द्वारा अधिनिर्णित किया गया था और जबकि उक्त डिक्री की संतुष्टि में डिक्री धारक को राशि का भुगतान नहीं किया गया है। निर्णय देनदार के निदेशकों को एओ द्वारा निर्देशित किया गया था कि वे संपत्ति की सूची और संपत्ति का विवरण बताते हुए एक हलफनामा दाखिल करें, लेकिन एओ के आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा के लिए जवाब देने में विफल रहे,” एओ अदालत के वारंट ने कहा।
एनबीडब्ल्यू के निर्देशों के अनुसार कार्य नहीं करने के लिए एओ कार्यालय ने गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
निर्णायक अधिकारी, राजेंद्र कुमार ने कहा, “गैर जमानती वारंट में उल्लिखित व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और उन्हें एओ अदालत के समक्ष पेश करने के लिए पुलिस जिम्मेदार है लेकिन यह विफल रहा। हमने एनबीडब्ल्यू के निर्देशों के अनुसार कार्य नहीं करने के लिए पुलिस आयुक्त को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है।”
ये मामले रिफंड और विलंबित कब्जा शुल्क से संबंधित हैं।
डॉ केके खंडेलवाल रेरा के अध्यक्ष गुरुग्राम ने कहा, “हम रेरा अधिनियम के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य हैं और अंतिम उपयोगकर्ताओं सह आवंटियों को न्याय दिलाते हैं।“