जो सरकार अहीरवाल के लोगों को पीने का पानी भी देने में अक्षम हो, वह सरकार अहीरवाल के साथ विकास व अन्य सामाजिक सुरक्षा सरोकारो में कितना भेदभावपूर्ण सौतेला व्यवहार कर रही है, यह बताना भी बेमानी है  : विद्रोही

7 दिसम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-संघी सरकार व उसके मंत्री-संतरी, सांसद, विधायक, नेता झूठा राग अलापकर अहीरवाल को कांग्रेस सरकार की तुलना में ज्यादा नहरी पानी देने का दावा ठोकते है, पर जमीनी हकीकत यह है कि अहीरवाल के विभिन्न शहरों व गांवों में नहरी पानी पर आधारित पेयजल योजनाओं को भी पर्याप्त पानी नही मिलता है। अहीरवाल के अधिकांश शहरों, कस्बो, गांवों में हर माह पीने के पानी की राशनिंग की जाती है।

विद्रोही ने कहा कि भाजपा की कथनी-करनी में भारी अंतर है। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अहीरवाल का लंदन कहलाने वाला रेवाडी शहर भाजपा राज आने के बाद विगत 6-7 वर्षो से पीने के पानी के लिए तरसता आ रहा है। हर माह ना केवल पानी की राशनिंग होती है अपितु एक दिन छोडकर एक दिन पानी की सप्लाई की जाती है। इस दिसम्बर माह के पहले ही दिन से रेवाडी शहरवाासी बंूद-बंूद पानी को तरस रहे है। कांग्रेस जमाने में नहरी पानी 16 दिन तक आता था और 16 दिन बंद रहता था जबकि भाजपा सरकार आने के बाद 16 दिन पानी आता है और 24 दिन तक नहरी पानी ही आने का रोटेशन बना दिया। 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि कहने को तो 16 दिन पानी आने के बाद 24 दिन बाद सरकार नहरी पानी अहीरवाल को देती है जबकि धरातल पर यह पानी 26 से 28 दिन बाद आता है और 16 दिन भी लगतार नहरी पानी आने की बजाय 12 से 16 दिन के बीच आता है। इस नवम्बर माह 16 दिन नहरी आने बजाय केवल 12 दिन आया। वहीं 24 दिन बाद पानी आने की बजाय 28 दिन बाद 12 दिसम्बर को नहरी पानी आने की संभावना बताई जा रही है। नहरी पानी न आने से 30 नवम्बर से ही रेवाडी की पेयजल आधारित सप्लाई की राशनिंग होने से आमजन बूंद-बूंद पानी को तरस रहा है।

विद्रोही ने कहा कि विगत 6-7 वर्षो से हर माह यही स्थिति होने पर भी भाजपा सरकार व भाजपा के चुने सांसद व विधायक जुमलेबाजी करके अहीरवाल की जनता को ठगते तो है पर आमजन को पर्याप्त पीने का पानी मिले, इसके प्रति उदासीन है। दुर्भाग्य से यहां की जनता भी संघी नेताओं की जुमलेबाजी में फंसकर उनके भावनात्मक शोषण से खुद अपने पैरों पर कुल्हाडी मार रही है। विद्रोही ने कहा कि जो सरकार अहीरवाल के लोगों को पीने का पानी भी देने में अक्षम हो, वह सरकार अहीरवाल के साथ विकास व अन्य सामाजिक सुरक्षा सरोकारो में कितना भेदभावपूर्ण सौतेला व्यवहार कर रही है, यह बताना भी बेमानी है। 

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