मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 18 मंजिला गीता ज्ञान मंदिर में किया स्वर्ण कलश पूजन, वैदिक मंत्रोचारण के बीच यज्ञ में डाली पूर्ण आहुति

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 4 दिसंबर : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का अमर संदेश दिया था। इस धरा पर गीता का पूरा ज्ञान समाहित है, 18 मंजिला गीता ज्ञान मंदिर का निर्माण निरंतर चलने वाला है। इस मंदिर को भामाशाह समाज के सहयोग से बनाया जा रहा है जो कि निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। समाज के सहयोग से बड़े से बड़ा कार्य भी आसानी से पूरा हो जाता है। इसी प्रकार इस मंदिर का सारा कार्य भी समाज के सहयोग से पूर्ण होगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को देर सायं 18 मंजिला गीता ज्ञान मंदिर में स्वर्ण कलश पूजन के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, इंद्री विधायक रामकुमार कश्यप, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव कृष्ण बेदी, पूर्व विधायक डॉ. पवन सैनी, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष धूम्मन सिंह किरमच, संस्था के प्रधान राजेश गोयल आदि ने वैदिक मंत्रोचारण के बीच यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली। संस्था द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल व अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि श्री ब्रह्मपुरी आश्रम के संस्थापक एवं संचालक स्वामी चिरंजीपुरी महाराज की प्रेरणा से यह मंदिर बना है, जोकि पूरे विश्व में सबसे उंचा मंदिर है। आज स्वर्ण कलश पूजन किया गया है, जोकि बाद में शिखर पर स्थापित होगा। शिखर पर जाने से निश्चित तौर पर चमक मिलती है, परन्तु मेरी स्वयं की इच्छा नींव के पत्थर की तरह कार्य करने की रही है। उन्होंंने कहा कि सभी समाज के वर्ग मंदिर के आगामी कार्य हेतु अपना पूरा सहयोग दें। मंदिर संस्था द्वारा जो भी डयूटी मेरी लगाई जाएगी, उसे पूरा करने का कार्य किया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य इंद्रेश ने कहा कि गीता सनातन के सामर्थ्य से कोई भी व्यक्ति उंचा से उंचा स्थान हासिल कर सकता है। गीता के सामर्थ्य से ही आम व्यक्ति देश का राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री बन सकता है। वर्ष 2008 में इस मंदिर का भूमि पूजन किया गया था, 18 मंजिल का यह मंदिर है, गीता के 18 अध्याय है, 18 पुराण है और 18 ही युद्ध के दिन रहे है। इसी परिपाटी पर 18 मंजिल मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर से कुरूक्षेत्र को भी अलग पहचान मिलेगी। गीता अमर थी, अमर है और अमर ही रहेगी। मानव के कल्याण का ग्रंथ गीता है।

सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पहचान में मील का पत्थर यह 18 मंजिल ज्ञान मंदिर बनेगा। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को विश्व पटल पर जो पहचान मिली है, उसका सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जाता है। आज कुरुक्षेत्र की धरा पर 18 हजार बच्चों के साथ-साथ प्रदेशभर में 75 हजार बच्चों ने एक साथ गीता का श्लोक किया है, जो कि बहुत ही सराहनीय है।

ज्ञान मंदिर संस्था के चेयरमैन तथा सांसद सुशील गुप्ता ने मुख्यमंत्री का मंदिर प्रागंण में पहुंचने पर ट्रस्ट की ओर से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस मंदिर में गीता रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। इसके साथ-साथ जहां 18 अध्यायों का संजीव चित्रण होगा, वहीं ग्रंथालय भी बनाया जाएगा ताकि शोधार्थियों को सुविधा मिले।

विधायक सुभाष सुधा ने मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस ज्ञान मंदिर के रूप में कुरुक्षेत्र को बहुत बड़ी सौगात मिली है। यहां आने वाले पर्यटकों को इस मंदिर से गीता के 18 अध्यायों को नजदीक से जानने का मौका मिलेगा। इस ज्ञान मंदिर की पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनेगी। इस मौके पर श्री ब्रह्मपुरी आश्रम के संस्थापक एवं संचालक स्वामी चिरंजीपुरी महाराज, राजेश गोयल, सुभाष बिन्दल, नरेन्द्र बिन्दल, मांगे राम बिन्दल, सौरभ चौधरी, भरत मंगला, कृष्ण कुमार, बीबी मित्तल, मित्रसेन गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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