जयराम विद्यापीठ से पहली बार निकली श्रीमद भागवत पुराण की पालकी। शोभायात्रा में आकर्षण का केंद्र बनी भगवान श्री कृष्ण जीवन पर आधारित तथा अन्य झांकियां। शोभा यात्रा में शामिल हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी और कथावाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 4 दिसम्बर : ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के समक्ष से गीता जयंती महोत्सव 2022 के अवसर पर भव्य शोभा यात्रा रवाना हुई जिसे देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी और विद्यापीठ में गत एक सप्ताह से श्रीमद भागवत की कथा कर रहे विख्यात कथावाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर के.के. कौशिक, श्रवण गुप्ता, राजेंद्र सिंघल,वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, ईश्वर गुप्ता, कुलवंत सैनी, टेक सिंह, सुरेंद्र गुप्ता,पवन गर्ग, एस.एन. गुप्ता, राजेश सिंगला, विजय गर्ग, सुभाष नरूला इत्यादि मौजूद थे। इस बार जयराम विद्यापीठ द्वारा शोभा यात्रा में श्रीमद भागवत पुराण की पालकी को भी अन्य झांकियों के साथ शामिल किया गया। जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी भी कथावाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर के साथ रथ पर सवार होकर भव्य शोभा यात्रा में शामिल हुए। यह शोभा यात्रा बिरला मंदिर, मोती चौक, पुरानी सब्जी मंडी हनुमान मंदिर, छोटा बाजार, तेज प्रताप टंकी, पुराना बस अड्डा, श्रद्धानन्द चौक, पारस रोड, गोल बैंक, रेलवे रोड, गुरुद्वारा छटी पातशाही तथा पैनोरमा से होती हुई श्री जयराम विद्यापीठ में आकर समाप्त हुई। सिंगला ने बताया विद्यापीठ के प्रवेशद्वार पर विशेष सजावट की गई थी। उन्होंने बताया शोभा यात्रा में भगवान श्री गणेश का डमरू नृत्य, राधा कृष्ण का झूला, केदार नाथ जी, भगवान श्री कृष्ण सुदर्शन चक्र, महालक्ष्मी लाइव, मां दुर्गा लाइव, भगवान श्री राम भगत वीर हनुमान, विष्णु जी एवं माता लक्ष्मी शेषनाग पर इत्यादि झाँकियों को शामिल किया गया। शोभा यात्रा में हरिद्वार से पधारे दण्डी स्वामी, जयराम महिला मंडल की महिलाएं, जयराम संस्कृत महाविद्यालय के ब्रह्मचारी व विद्यार्थी शामिल हुए। Post navigation कर्तव्यपालन का पाठ पढ़ाती है गीता, हमें जीवन में करना चाहिए अनुसरण : बंडारू दत्तात्रेय कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया गीता का अमर संदेश : मनोहर