बड़ा सवाल सुप्रीम कौन ………हरियाणा सरकार, एचएसआईडीसी या फिर सुप्रीम कोर्ट, कब बनेगी पॉलिसी !

मानेसर में 27 एकड़ में रेजिडेंशियल पॉलिसी बनाने के एससी के आदेश

27 एकड़ के निवासी बीते 4 माह से कर रहे पॉलिसी बनने का इंतजार

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 21 जुलाई 2022 को किया गया यह आदेश पारित

साफ निर्देश 27 एकड़ जमीन रिलीज कर रेजिडेंट पॉलिसी बनाई जाए

फतह सिंह उजाला

मानेसर/गुरूग्राम।    हरियाणा के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने वाले जिला गुरुग्राम में बनाए गए दूसरे नगर निगम सहित सबडिवीजन मानेसर क्षेत्र में यहां की कीमती जमीनों का मामला हरियाणा सरकार सहित एचएसआईडीसी के लिए कहीं ना कहीं जी का जंजाल बनता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में एक और महत्वपूर्ण जानकारी मानेसर क्षेत्र के प्रबुद्ध ग्रामीणों के द्वारा उपलब्ध करवाई गई है।

इसी मुद्दे को लेकर मानेसर क्षेत्र के करीब 27 एकड़ के प्रभावित ग्रामीण और निवासियों ने पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एडवोकेट सत्यप्रकाश से एक बार फिर से मुलाकात कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जो आदेश पारित किए गए हैं । उनको लागू करवाने के लिए हरियाणा सरकार तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री सहित एचएसआईडीसी अन्य संबंधित विभाग और अधिकारियों से बैठक करवाने या उनकी बात को पहुंचाने के लिए गंभीरता से चर्चा की । इसके साथ ही मौके पर मौजूद लेफ्टिनेंट होशियार सिंह, इंदरजीत सिंह, फौजी ताराचंद, नरेंद्र सिंह, फौजी नवीन, राजेंद्र सिंह, ठेकेदार रोहताश सिंह, दशरथ, जय भगवान, विजेंदर, विनोद ठेकेदार , सुरेंद्र, जगविंदर अन्य के द्वारा मानेसर की उपरोक्त 27 एकड़ जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कर यहां जल्द से जल्द रेजिडेंशियल पॉलिसी बनाने के संदर्भ में मांग पत्र भी सौंपा है । गौरतलब है कि मानेसर नगर निगम क्षेत्र में कासन व आसपास के गांवों का 1810 एकड़ जमीन का मामला हरियाणा सरकार और एचएसआईडीसी के अधिकारियों के बीच प्रभावित किसानों निवासियों को मुआवजे के भुगतान को लेकर अभी भी बीच में ही लटका हुआ है । इस मुद्दे को लेकर कई स्तर पर सीधे सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ भी प्रभावित निवासियों और ग्रामीणों की आधा दर्जन से अधिक बैठक हो चुकी हैं ।

ताजे मामले में मानेसर क्षेत्र के 27 एकड़ जमीन का मामला निश्चित ही हरियाणा सरकार सहित एचएसआईडीसी के लिए कहीं ना कहीं अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती साबित होने के साथ-साथ कथित रूप से जी का जंजाल भी साबित हो सकता है ? इस संदर्भ में पटौदी के एमएलए एडवोकेट जरावता से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के मुताबिक मानेसर की 27 एकड़ जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रभावित और पीड़ित परिवारों तथा किसानों के द्वारा ले जाया गया। इस संदर्भ में मुख्य मांगे रखी गई कि जिस 27 एकड़ जमीन को एचएसआईआईडीसी मानेसर के द्वारा अधिग्रहण किया गया , वहां पर 40 प्रतिशत से अधिक आवासीय निवास रेजिडेंशियल एरिया व अन्य प्रकार के निर्माण कार्य पहले से ही पूरे हो चुके हैं। प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक इस 27 एकड़ जमीन में अधिकांश लोगों के द्वारा अपने रहने खाने पीने के लिए छोटे-बड़े कच्चे पक्के जैसी जिसकी हैसियत उसी प्रकार के निर्माण भी किए हुए हैं। जिससे कि अपने बच्चों का पालन पोषण करते हुए अपना-अपना रोजगार भी करते रहें ।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बीपी 21 जुलाई 2022 को एचएसआईडीसी को मानेसर की इस संबंधित 27 एकड़ जमीन को अधिगम के दायरे से मुक्त करके इस 27 एकड़ जमीन में रेजिडेंशियल पालिसी बनाने के लिए आदेश पारित किया हुआ है। हैरानी इस बात को लेकर है कि जुलाई के बाद दिसंबर का महीना आ चुका और सुप्रीम कोर्ट के इस महत्वपूर्ण फैसले पर कथित रूप से हरियाणा सरकार सहित एचएसआईडीसी के जिम्मेदार अधिकारियों पर किसी भी प्रकार का कोई भी प्रभाव या रिएक्शन देखने के लिए नहीं मिल रहा है ? इसी बात को लेकर 27 एकड़ के रहने वाले अनेकानेक निवासियों में हरियाणा सरकार सहित इस मुद्दे को लेकर अतीत में सत्तासीन रह चुके नेताओं जिनसे की उक्त जमीन को रेजिडेंटल पॉलिसी बनाने के लिए फरियाद की जा चुकी  लेकिन किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिलने से कहीं ना कहीं नाराजगी भी बढ़ती चली जा रही है ।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के मुताबिक मानेसर में संबंधित 27 एकड़ जमीन जहां पर अधिकांश निर्माण आवास मकान इत्यादि बने हुए हैं , उस जमीन का कथित रूप से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में भी सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है । इसके बाद ही माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इस 27 एकड़ जमीन को रेजिडेंस इन पॉलिसी फ्रेम करके संबंधित ग्रामीणों और निवासियों को रिलीज देने का आदेश पारित किया गया। प्रतिनिधिमंडल की माने तो पीड़ित और प्रभावित निवासियों को यही बात समझ में नहीं आ रही कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पारित आदेश की पालना करने में हरियाणा सरकार सहित एचएसआईडीसी को अब क्या और किस प्रकार की परेशानी हो सकती है ? कथित रूप से सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी इस आदेश को फिर से चौलेंज भी नहीं किया गया है ?

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के मुताबिक उनकी मांग है कि हरियाणा सरकार, सीएम मनोहर लाल खट्टर, एचएसआईडीसी जल्द से जल्द माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पारित संबंधित 27 एकड़ जमीन को अधिग्रहण के दायरे से मुक्त करके यहां पर जल्द से जल्द रेजिडेंशियल पालिसी की घोषणा करें । प्रतिनिधिमंडल का यहां तक कहना है कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर बीते लगभग 4 महीने से हरियाणा सरकार और सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की जानकारी देकर 27 एकड़ जमीन में रहने वाले निवासियों और ग्रामीणों को राहत प्रदान करने के लिए बातचीत का समय मिलने का इंतजार कर रहे हैं ? लेकिन इस दिशा में किसी भी प्रकार से कहीं से कोई भी सहयोग नहीं मिल रहा।

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