बच्चों के भविष्य से मोलभाव करना मुख्यमंत्री के लिए अशोभनीय! रणदीप बोले, जब डॉक्टरों को भी गारंटी से रोजगार देना संभव नहीं, तो सीएम इस्तीफा दें चंडीगढ़, 01 दिसंबर, 2022 – खट्टर सरकार द्वारा प्रदेश के मेडिकल छात्रों पर थोपा जा रहा बॉन्ड हकीकत में चोर दरवाज़े से बढ़ाई गई फीस है। बॉन्ड के नाम पर लूट का यह खेल केवल मेडिकल एजुकेशन तक ही रुकने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में शिक्षा माफिया के नुमाईंदे की तरह छात्रों से मोल-भाव कर रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसे यहीं तक सीमित रखने वाले नहीं हैं। हरियाणा में किसी को भी यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए कि बॉन्ड के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये लूटने की यह नीति चिकित्सा क्षेत्र तक सीमित रहेगी। मेडिकल छात्रों को लूटने के बाद यह आग इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ को भी अपनी चपेट में ले लेगी। हकीकत में यह गरीब-मजदूर, किसान व आम जनों के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की भाजपा और आरएसएस की साज़िश है, जिसे मोदी जी के आदेश पर मुख्यमंत्री खट्टर आगे बढ़ा रहे हैं। हरियाणा प्रदेश के लिए इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और क्या होगी कि 7 डिग्री तापमान में एक महीने से प्रदेश के मेधावी मेडिकल छात्र खुले आसमान के नीचे इस प्रदेश की मेडिकल शिक्षा को व्यापारीकरण से बचाने के लिए तरह-तरह की यातनाएं झेल रहे हैं, और खट्टर साहब बार-बार मोलभाव की शैली में उनसे तीन-तीन राउंड की बातचीत का ड्रामा कर रहे हैं। खट्टर साहब अगर ईमानदार थे तो उन्हें इन भावी डाक्टरों से बात करने का समय एक महीने बाद क्यों मिला? यह इतनी बेगैरत सरकार है कि इन पढ़ने-लिखने वाले 20-22 साल के बच्चों को यातनाएं देते हुए इन्हें शर्म भी नहीं आती। ये सारा खेल प्रदेश के शिक्षा तंत्र को शिक्षा माफिया के हवाले करने के लिए चल रहा है, और खट्टर सरकार इस खेल की मुख्य किरदार है। खट्टर सरकार प्रदेश की जनता को बताए कि वह चुनी हुई सरकार है या शिक्षा माफिया की एजेंट? प्रदेश में हर जगह डॉक्टर्स की कमी है। अस्पतालों में 6,600 पद खाली पड़े हैं, पर खट्टर साहब इन बच्चों से बॉन्ड मांग रहे हैं, तो क्या वह खुद इन्हें डिग्री पूरी होते ही तत्काल सुनिश्चित व स्थाई रोजगार का बॉन्ड दे सकते हैं? यदि खट्टर साहब इन कुछ सौ डाक्टरों को भी स्थाई रोजगार की लिखित गारंटी नहीं दे सकते तो उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर एक पल भी बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। Post navigation परिवहन के उच्च अधिकारी दे रहे जातिवाद को बढ़ावा : दोदवा हरियाणा ने अपनी नई हरियाणा आत्मनिर्भर टैक्सटाइल नीति 2022-25 को दी मंजूरी