हितधारकों को पूंजी प्रोत्साहन मामलों के लिए कैपिंग के साथ 1500 करोड़ रुपये का किया बजट प्रावधान यह नीति भारत के प्रधानमंत्री के 5एफ विजन-फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन के अनुरूप है चंडीगढ़, 1 दिसंबर – राज्य के पहले से ही मजबूत कपड़ा क्षेत्र के विकास को और गति देने और राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने, नवाचार करने और राज्य में टैक्सटाइल उद्योग के लिए एक व्यापक समर्थन ढांचा प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार ने आज नई हरियाणा आत्मनिर्भर टैक्सटाइल नीति 2022-25 को मंजूरी दी। पॉलिसी के लिए अनुमानित बजट पूंजी प्रोत्साहन मामलों के लिए कैपिंग के साथ 1500 करोड़ रुपये है। यह नीति और संबंधित योजनाएँ आधिकारिक राजपत्र में इसकी अधिसूचना की तिथि से लागू होंगी और इसकी अधिसूचना की तिथि से 3 साल की अवधि के लिए लागू रहेंगी। यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। यह नई नीति पिछली हरियाणा टैक्सटाइल नीति 2019 का स्थान लेगी और इसका उद्देश्य राज्य में संपूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला की क्षमता का दोहन करने के लिए उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेपों के साथ मूल्यवर्धित कपड़ा गतिविधियों को बढ़ावा देना है। हरियाणा आत्मनिर्भर टैक्सटाइल नीति 2022-25 का उद्देश्य बैकवर्ड इंटीग्रेशन के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन ढांचे की पेशकश करके मानव निर्मित फाइबर के उत्पादन में वृद्धि, परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, कढ़ाई, बुनाई, प्रसंस्करण, रेडीमेड में निवेश को आकर्षित करके आत्मनिर्भरता और नवाचार के एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त, नीति में गारमेंट्स, अपैरल मेकिंग, टेक्निकल टेक्सटाइल्स, इंटीग्रेटेड यूनिट्स, टेक्सटाइल पाक्र्स, टेक्सटाइल क्लस्टर्स आदि में वैल्यू एडिशन, रोजगार सृजन और उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। यह नीति भारत के प्रधानमंत्री के ‘5एफ विजन – फार्म से फाइबर से फैक्ट्री तक फैशन से फॉरेन तक’ के अनुरूप है। इस नीति का नीतिगत उद्देश्य टैक्सटाइल क्षेत्र में 4000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करना है। समस्त मूल्य श्रृंखला में टैक्सटाइल क्षेत्र में 20,000 नए रोजगार सृजित करना, नवाचार पर जोर देने के साथ संपूर्ण टैक्सटाइल मूल्य श्रृंखला में उच्च और सतत विकास हासिल करना, पिछड़ापन एकीकरण और स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाना है। यह नीति ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी के औद्योगिक ब्लॉकों में हरियाणा के टैक्सटाइल उद्योग के विविधीकरण और टैक्सटाइल के भीतर ही नये क्षेत्रों जैसेकि टैक्नीकल टैक्सटाइल, रक्षा, ऑटोमोबाइल, कन्स्ट्रक्शन इत्यादि को उभारने के लिए एक प्रोत्साहन प्रदान करती है। इसके अलावा, यह नीति उद्योग का समर्थन करने, पर्यावरण और सामाजिक मानकों के अनुरूप विश्वस्तरीय अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने, उद्योग को नवाचार करने, नए डिजाइन विकसित करने, विविधता लाने और मूल्यवर्धन बढ़ाने पर केन्द्रित है। नीति का उद्देश्य उद्योग को एक कुशल कार्यबल के साथ समर्थन देना, अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना और रेडिमेड गार्मैंटस, सिलेसिलाए कपड़े, तकनीकी वस्त्रों इत्यादि जैसे उत्पादों पर विशेष बल देकर सभी प्रकार के वस्त्रों के निर्यात को बढ़ावा देना है। Post navigation बॉन्ड की आड़ में मेडिकल फीस बढ़ाने की साजिश कर रही खट्टर सरकार – रणदीप सिंह सुरजेवाला एमबीबीएस विद्यार्थियों से बातचीत कर फौरन मसले का समाधान निकाले सरकार – हुड्डा