चण्डीगढ, 2 दिसम्बर:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के प्रान्तीय प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने आरोप लगाया है कि परिवहन विभाग में उच्च अधिकारियों द्वारा जातिवाद को जबरदस्त बढावा दिया जा रहा है। दोदवा ने बताया कि परिवहन निदेशक सांठगांठ के बल पर लगातार 6 साल से परिवहन विभाग पर काबिज हैं,पहले एचसीएस होते हुए वर्ष 2016 से 2018 तक डिप्टी डायरेक्टर तथा इसके बाद आईएएस बनने से आजतक परिवहन निदेशक के पद पर विराजमान हैं जबकि सरकारी हिदायतें अनुसार कोई भी उच्च अधिकारी एक विभाग में 3 साल से ज्यादा नहीं रह सकता। सरकार ने फरवरी, 2022 में इनका तबादला दुसरे विभाग में किया था लेकिन जनाब जी एक महिना भी उस विभाग में नहीं रह पाये तथा सांठगांठ के बल पर फिर गोटी फिट करके परिवहन निदेशक लग गए। सरकारी तन्त्र में पकङ होने के कारण परिवहन विभाग को अपना निजी विभाग समझने लगे हैं तथा मनमानी करते हुए जमकर तानाशाही बरत रहे हैं। दोदवा ने बताया कि परिवहन निदेशक में जातिवाद कूट-कूट कर भरा हुआ है तथा जमकर जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। चाहे कर्मचारी, अधिकारी या कोई युनियन नेता हो उनके कार्यालय में अहमियत सिर्फ उसी को मिलती है जो उनकी अपनी जाति से संबंधित हो। मुख्यालय में कर्मचारियों के लम्बित मामलो का निपटारा व कार्यवाही भी जातीय आधार पर की जाती है। अनुसूचित जाति के कर्मचारीयों से तो जनाब को सख्त नफ़रत है, काम करना तो दूर की बात है इनसे तो मिलना व बातचीत करना भी मुनासिब नहीं समझते। उन्होंन बताया कि जातीय भेदभाव के आधार पर ही रोङवेज की एससी कर्मचारी संघर्ष समिति ने परिवहन निदेशक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही व अनुसूचित आयोग में शिकायत की हुई है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। परिवहन निदेशक अनुसूचित जाति से संबंधित कर्मचारी व युनियन नेताओं को लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। इसलिए एससी कर्मचारी संघर्ष समिति ने जातीय भेदभाव से तंग आकर नोकरी से सामूहिक त्यागपत्र देने का फैंसला लिया है। दोदवा ने आरोप लगाया है कि परिवहन निदेशक मुझे भी जातीय आधार पर लगभग 18 महीने से आर्थिक व मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं। दोदवा ने कहा कि अगर परिवहन निदेशक ने अपना रवैया नहीं बदला तो मुझे भी मजबूरन उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होना पङेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी परिवहन निदेशक की होगी। उन्होंन बताया कि परिवहन निदेशक के जातीय व भेदभाव रवैए से जहां कर्मचारियों में काफी रोष है वहीं सरकार की बदनामी भी हो रही है। इसलिए माननीय मुख्यमन्त्री जी से अपील है कि इस मामले पर खुद संज्ञान लेकर परिवहन निदेशक को विभाग से बदलने व उस पर सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाने का का काम करें ताकि सरकार की फजीहत ना हो। Post navigation जो सनातन हिन्दू धर्म को भी नही समझते वे भगवान श्रीकृष्ण के गीता के कर्म उपदेश को क्या समझेंगे : विद्रोही बॉन्ड की आड़ में मेडिकल फीस बढ़ाने की साजिश कर रही खट्टर सरकार – रणदीप सिंह सुरजेवाला