उद्योग विहार की समस्याओं को लेकर निगमायुक्त से मिले उद्योगपति

-यूनाइटेड इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन की ओर से सौंपा गया मांग पत्र
-संपत्ति कर के मुद्दे पर बारीकी से काम करने का आग्रह

गुरुग्राम। यूनाइटेड इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन की ओर से मंगलवार को उद्योग विहार क्षेत्र की समस्याओं को लेकर निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा व चीफ इंजीनियर नगर निगम से मुलाकात करके उन्हें मांग पत्र सौंपा।

मांग पत्र में कहा गया कि उद्योग विहार/औद्योगिक क्षेत्रों में संपत्ति कर और उद्योग विहार व सिकंदरपुर क्षेत्र के अन्य दैनिक रखरखाव के मुद्दों के लिए एमसीजी द्वारा वाणिज्यिक दर के हिसाब से वसूली की जा रही है। यहां रिहायशी और व्यवसायिक से एक ही तरह का कर लिया जा रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष चंदन मुंजाल, महासचिव राजेश यादव, एमिनेंट सदस्य अमित गोयल समेत अन्य उद्योगपतियों ने कहा कि अधिकांश उद्योगपतियों को वाणिज्यिक क्षेत्र की दरों पर वर्ग फुट में संपत्ति कर के साथ बिल भेजा जाता है। जबकि उद्योग विहार या कोई भी मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्र औद्योगिक गतिविधियों आईटी/आईटीई के लिए हैं। कुल मिलाकर ऐसे क्षेत्रों के लिए लागू दरें औद्योगिक या आईटी जोन की हैं। इस मुद्दे पर भी पिछले एमसीजी आयुक्त के साथ चर्चा और सहमति हुई थी, जिसे बाद में सुधारा गया था। इसके बावजूद हाल के दिनों में कई लोगों को वाणिज्यिक संपत्ति दरों की बहुत अधिक कीमतों पर कर का भुगतान करने के लिए नोटिस प्राप्त हो रहे हैं। जो वास्तव में क्षेत्रवार लागू हैं। सर्वे करने वाले फील्ड स्टाफ भी प्रमाण दिखाने के बावजूद सहयोग नहीं करते हैं। यह नगर निगम गुरुग्राम या किसी तीसरे पक्ष के निचले कर्मचारियों की ओर से पूरी तरह से स्वीकार्य नहीं है।

निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा से उद्योगपतियों ने आग्रह किया कि वे उनकी चिंताओं को समझने और भारी संपत्ति कर, पार्क रखरखाव, पार्किंग की जगह जैसे मुद्दों का समाधान करें। सिकंदरपुर क्षेत्र में धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने, पार्कों की बदहाली में सुधार और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण एक माह में कराया जाए। टेम्पररी क्विक सॉल्यूशन डेस्क की स्थापना करके हर 3 महीने में एक बार जमीन पर सकारात्मक बुनियादी ढांचे के विकास में मदद मिलेगी। एमसीजी के काम करने के बारे में और भी बेहतर विश्वास पैदा होगा।

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