राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज मांगें पूरी करने का किया आह्वान

चरखी दादरी जयवीर फौगाट,

28 नवंबर, केंद्र सरकार द्वारा किसानों से की गई वादाखिलाफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, संपूर्ण कर्ज मुक्ति समेत अन्य मांगों को लेकर जिले की विभिन्न खापों, किसान, सामाजिक और कर्मचारी संगठनों ने एकजुट होकर आज लघु सचिवालय में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग ढालिया को सौंपा। उन्होंने प्रेषित ज्ञापन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिखित में किसानों से आंदोलन में जो वादे किए गये थे उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है जिसको लेकर किसान और मजदूरों में भारी रोष है।

उन्होंने अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर सभी फसलों के लिए सी2+50 फीसदी के फार्मूला से एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित कमेटी को रद्द कर, एमएसपी पर सभी फसलों की कानूनी गारंटी के लिए किसानों के प्रतिनिधियों को शामिल कर पुनर्गठन करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि खेती में बढ़ रहे लागत के दाम और फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं मिलने के कारण 80 फीसदी से अधिक किसान भारी कर्ज में डुबने के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इसलिए सभी किसानों के सभी प्रकार के कर्ज माफ किए जाएं।

उन्होंने बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लेने के साथ कहा कि केंद्र सरकार ने 09 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा को लिखे पत्र में यह लिखित आश्वासन दिया था कि, मोर्चा से चर्चा होने के बाद ही बिल संसद में पेश किया जाएगा। इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने बिना कोई विमर्श के यह विधेयक संसद में पेश किया जो असहनीय है। उन्होंने लखीमपुर खीरी जिला में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर गिरफ्तार करके जेल भेजने को कहा। उन्होंने आंदोलन में शहीद किसान परिवारों एवं घायल किसानों को मुआवजा देने का सरकार के वायदे को भी याद दिलाया और कहा कि शहीदों किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर पर स्मारक बनाने के लिए भूमि आबंटित की जाए। उन्होंने कहा कि सूखा, बाढ़, अतिवृष्टि, फसल संबंधी बीमारी आदि तमाम कारणों से होने वाले नुकसान की पूर्ति के लिए सरकार सभी फसलों के लिए व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा लागू करे और सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को 5,000 रुपए प्रति माह की किसान पेंशन की योजना लागू की जाए।

उन्होंने राष्ट्रपति से इन मसलों पर दखल देने की गुहार लगाते हुए कहा कि यदि सरकार अपने वादे और किसानों के प्रति जिम्मेदारी से मुकरना जारी रखती है तो किसान- मजदूरों के पास आंदोलन को और तेज करने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचेगा। इस अवसर पर फौगाट खाप 19 के प्रधान बलवंत नंबरदार, सांगवान खाप 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, चिड़िया खाप के प्रधान राजबीर शास्त्री, श्योराण खाप 25 से किसान नेता राजू मान, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, अन्नदात्ता यूनियन के रामकुमार कादयान, राजकुमार घिकाड़ा, धर्मपाल महराणा, सुरेश फौगाट, सुरेन्द्र कुब्जानगर, शमशेर खातीवास, सुनील पहलवान, रामसिंह तिवाला, जोरावर सांगवान, सीताराम फौगाट, विजय लांबा, सतबीर सिरोहा, संत कुमार, प्रेम थानेदार, ईश्वर दातौली, महेंद्र सिंह, राकेश, मुंशीराम, शमशेर, वजीर, बबलू, सत्यवान कालुवाला, हवासिंह, मांगेराम, धर्मबीर समेत अनेक गणमान्य मौजूद थे।

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