भारत को जानो…….. भारत विकास परिषद की चाणक्य शाखा द्वारा प्रांत स्तरीय प्रतियोगिता

बलिदान, बहादुरी की सभी गाथाओं को जन-जन तक पहुंचाना जरूरी

उद्देश्य बच्चे भारतीय सभ्यता, संस्कृति, रीति-रिवाज से ही अवगत रहें

फतह सिंह उजाला
गुुरुग्राम।  
  भारत विकास परिषद की चाणक्य शाखा की ओर से रविवार को सेक्टर-109 स्थित यूरो इंटरनेशनल स्कूल में भारत विकास परिषद समर्पण प्रान्त स्तरीय भारत को जानो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों को भारतीय सभ्यता, संस्कृति, रीति-रिवाज, भूगोल आदि से अवगत कराना है। इस प्रतियोगिता का संयोजन प्रदीप शर्मा ने किया।

भारत का समृद्ध और शौर्यपूर्ण इतिहास
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा एक्सपोर्ट काउंसिल के चेयरमैन एवं पूर्व वीआरएस अनुराग बख्शी, भारत को जानो के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र मनोचा, क्षेत्रीय महासचिव राजकुमार अग्रवाल, क्षेत्रीय सचिव संस्कार अनिल मंगला, फोर्टिस अस्पताल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डा. अनिल ढल, दक्षिण हरियाणा प्रांतीय महासचिव डा. आरबी यादव, प्रांतीय कोषाध्यक्ष अनिल बंसल, प्रांतीय संगठन सचिव अरुण अग्रवाल, भारत को जानो प्रांतीय संयोजक प्रदीप शर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम में बोलते हुए भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने कहा कि भारत का समृद्ध और शौर्यपूर्ण इतिहास है। इसमें बलिदान और बहादुरी की कई ऐसी गाथाएं हैं, जो इतिहास के पन्नों पर कहीं दबकर रह गई। इन गाथाओं से भावी पीढ़ी रूबरू हो, इसके लिए हमें मिलकर प्रयास करने चाहिए। जन-जन तक यह गाथाएं पहुंचनी चाहिए।

दुनिया में कहीं रहें, पर हमारी भारतीयता कम नहीं हो
जिला अध्यक्ष रिषी अग्रवाल कहा कि यह संस्था संस्कारों का समावेश अपनी पीढ़ी में करती है। हर तरह से भारतीयता को आगे बढ़ाना ही भारत विकास परिषद का मूल ध्येय है। उन्होंने कहा कि जिस भारत को जानो शीर्षक से यह प्रतियोगिता कराई गई, इसका आधार यही है कि हमें भारत को जानना होगा। भारत को आगे बढ़ाने में हम सबकी महत्ती भूिमका होनी चाहिए। भारत देश हर उस नागरिक का है, जो यहां की धरती पर पैदा हुआ है। जिला सचिव डा. डीपी गोयल ने कहा कि हम चाहे दुनिया के किसी भी कोने में, किसी भी देश में रहें, लेकिन हमारी भारतीयता कम नहीं होनी चाहिए। हमें अपनी सभ्यता, संस्कृति का वहां भी डंका बजाना चाहिए। तभी हम भारत को विश्व गुरू बना सकते हैं। वर्तमान दौर में भारत जिस मजबूती के साथ उभरकर दुनिया के सामने खड़ा है, उसके पीछे वर्षों की तपस्या है। इस तपस्या का हम सबको हिस्सा बनना चाहिए। हमें अपने देश की एकता, अखंडता को मजबूती देनी चाहिए। इस बात को हमें चरितार्थ करना चाहिए कि देश में देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें। जिस दिन देश के हर नागरिक में यह भावना आ जाएगी और हम देश को कुछ देंगे, उस दिन हमारे देश की तस्वीर ही खास होगी।
प्रतियोगिता के परिणाम

जूनियर वर्ग में 16 और सीनियर वर्ग में 14 टीम
भारत को जानो प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में 16 टीमें और सीनियर वर्ग में 14 टीमों ने भाग लिया। जूनियर और सीनियर वर्ग में आरपीएस रेवाड़ी की टीमें विजेता रही। जूनियर वर्ग में दूसरे नंबर पर सीएल पब्लिक स्कूल नारनौल, तीसरे नंबर पर होली चाइल्ड स्कूल फरीदाबाद, सीनियर वर्ग में दूसरे नंबर पर यदुवंशी स्कूल नारनौल, तीसरे नंबर पर फोगाट सीनियर सेकेंडरी स्कूल फरीदाबाद की टीम रही।

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