पंचकुला व सिरसा की सभी जिला परिषद सीटों पर चुनाव लडने के बाद भी भाजपा का खाता नही खुला : विद्रोही भाजपा को जिला परिषदों चुनावों में 21 प्रतिशत ही सफलता मिली : विद्रोही जिला परिषद चुनावों में भाजपा ने 411 जिला परिषद सीटों में से 102 सीटों पर पार्टी चुनाव चिन्ह पर लड़ा पंचायत चुनावों के परिणाम बताते है कि हरियाणा की ग्रामीण की जनता भाजपा से खासी नाराज है। विद्रोही 28 नवम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि पंचायत चुनावों ने हरियाणा की ग्रामीण जनता ने भाजपा को आईना दिखाकर संघी सत्ता हेकड़ी की हवा निकाल दी है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा ने पंचायत चुनावों में 411 जिला परिषद सीटों में से 102 सीटों पर पार्टी चुनाव चिन्ह पर लड़ा जिसमें भाजपा के कमल निशान पर केवल 22 जिला पार्षद बने अर्थात भाजपा को जिला परिषदों चुनावों में 21 प्रतिशत ही सफलता मिली जबकि पंचकुला व सिरसा की सभी जिला परिषद सीटों पर चुनाव लडने के बाद भी भाजपा का खाता नही खुला। पंचायत चुनावों में भाजपा के मंत्रीयों, सांसदो, विधायकों, नेताओं के परिवारजनों को ग्रामीण मतदाताओं ने रिजेक्ट ही नही किया अपितु साथ में भाजपा के बड़े नेताओं के जो समर्थक 309 जिला परिषद सीटों पर पार्टी चुनाव निशान की बजाय निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे, उनमें भी संघी नेताओं के सभी खासम-खास चुनाव हार गए। पंचायत चुनावों के परिणाम बताते है कि हरियाणा की ग्रामीण की जनता भाजपा से खासी नाराज है। विद्रोही ने कहा कि इसी तरह भाजपा को अपने शहरी गढ़ में भी नगर निकाय चुनावों में अपेक्षित सफलता नही मिली थी। शहरी नगर निकाय चुनावों में भी पूर्व की तुलना में भाजपा के मतों में 50 प्रतिशत की गिरावट आई थी। पंचायत व नगर निकाय चुनाव का विश्लेषण करने के बाद यह साफ दिख रहा है कि शहर हो या गांव, हरियाणा का मतदाता भाजपा-जजपा सरकार की जनविरोधी, किसान, मजदूर, गरीब विरोधी नीतियों, बेकारी, गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार व प्रशासनिक कुव्यवस्था से भाजपा-जजपा सरकार से खासा नाराज है व 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा-जजपा सरकार को सत्ता से बाहर खदेडऩे का मन बना चुका है। हरियाणा में भाजपा का एकमात्र विकल्प कांग्रेस है जिससे साफ है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में मतदाता कांग्रेस को सत्ता सौंपने व भाजपा-जजपा को खदेडऩा का मन बना बना चुका है। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा की जनभावना के अनुरूप कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं को एकजुटता से जनता के मुद्दों पर लगातार दो वर्षो तक सडक़ों परे संघर्ष करते हुए हरियाणा के राजनीतिक पटल पर भाजपा-जजपा को पूरी तरह से शून्य करने के एकजुट संकल्प के सथ काम करना चाहिए। Post navigation भारत को जानो…….. भारत विकास परिषद की चाणक्य शाखा द्वारा प्रांत स्तरीय प्रतियोगिता महाराजा सूरजमल की छवि के साथ खिलवाड़ की कुचेष्ठा को बर्दाश्त नही किया जाएगा : जाट स्वाभिमान समिति