भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कथन कि भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस और इसके समर्थन में उनका दावा कि मनोहर लाल-भ्रष्टाचार का काल, की शान को क्या गुरुग्राम निगम के बाद धूमिल कर रहा है मानेसर निगम भी?

सरकार का नियम है कि पारदर्शिता के लिए सभी टेंडर ऑनलाइन दिए जाएंगे, जिससे किसी के दबाव में कोई टेंडर न दिया जा सके लेकिन चर्चा है कि पोर्टल पर भी जिसके रेट कम होते हैं, उसके बजाय रेट अधिक वाले को टेंडर दे दिए जाते हैं। ऐसा क्यों होता है इसके बारे में हम क्या कहें सभी समझ सकते हैं।

दूसरी ओर सरकार ने सभी नियुक्तियां हरियाणा रोजगार कौशल निगम के अंतर्गत करने की बात कह रखी है परंतु मानेसर निगम में इस नियम की अवेहलना करते हुए भी नियुक्तियां हुई हैं, ऐसा कुछ सूत्रों से ज्ञात हुआ है।

गौरतलब है कि मानेसर नगर निगम में अभी पार्षदों के चुनाव नहीं हुए हैं। अत: अधिकारी ही काम देखते हैं और आम धारणा यह है कि अधिकारी सरकार के निर्देशों पर काम करते हैं इसे आगे बढ़ाया जाए तो स्थानीय विधायक भी सरकार का हिस्सा होता है। अत: उसके निर्देशों पर काम करते हैं।

ऐसी स्थिति में यह कहना कि यह सब बातें सरकार की नजर में नही हैं शायद अनुचित होगा। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि यह सब सरकार की छत्रछाया में भी हो सकता है। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम द्वारा कराए गए किसी भी कार्य की जांच किसी मंत्री की देख-रेख में स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए तो कोई भी काम मानकों पर खरा नहीं उतरेगा।

इसके अतिरिक्त भी अन्य अनेक अनियमितताएं निगम के काम में मिल जाएंगी और आश्चर्यजनक यह है कि यह सब हो रहा है मुख्यमंत्री मनोहर लाल-भ्रष्टाचार के काल के अतिविश्वसनीय विधायक सत्यप्रकाश जरावता के क्षेत्र में।

error: Content is protected !!