निवासियों के सुझावों के अनुसार इवेलयुएशन रिपोर्ट की होगी दोबारा जांच
-चिंटल पैराडिसो के सभी 9 टावरों का करवाई जाएगी सुरक्षा जांच
डी टावर के फलैट मालिकों के मुआवजा आदि का निपटारा करने के बिल्डर को दिए आदेश

गुरूग्राम, 11 नवंबर। गुरूग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने आज कहा कि सेक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडिसों में रहने वाले निवासियों के सुझावों के अनुसार इवेलयुएशन रिपोर्ट में ओवरहेड एक्सपेंसिज अर्थात् स्टाम्प ड्यूटी, ईडीसी-आईडीसी,बिजली प्रबंधो पर खर्च आदि को समायोजित कर इसकी दोबारा जांच करवाई जाएगी।

उपायुक्त श्री यादव शुक्रवार को गुरूग्राम के लघु सचिवालय के सभागार में चिंटल पैराडिसों के फलैट मालिकों तथा डैव्लपर के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने इस बैठक में चिंटल पैराडिसो के डी-टावर के प्रभावित फलैट मालिकों के संबंध में जारी किए गए जिला प्रशासन के आदेश के बारे में विस्तार से जानकारी दी और फलैट मालिकों के सुझाव भी प्राप्त किए। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि आईआईटी दिल्ली तथा जिला प्रशासन की कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद डी टावर को बंद करके गिराने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डैव्लपर को आदेश दिए गए हैं। इस दौरान आदेश जारी होने के 60 दिनों के भीतर डैव्लपर को उस टावर के फलैट मालिकों के साथ सेटलमेंट अर्थात् लेन-देन का निपटारा करने के लिए कहा गया है। इस अवधि में यदि डैव्लपर निपटारा नही करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, लेकिन फलैट मालिकों के आग्रह पर अवधि को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।

आज की बैठक में फलैट मालिकों ने इवेलयुएटर रिपोर्ट की क्रियाविधि पर सवाल उठाए और उसमें सुधार के लिए सुझाव भी दिए जिन पर उपायुक्त ने तत्काल विचार करने का भरोसा दिलाया। फलैट मालिकों ने उपायुक्त को बताया कि फलैट का मुआवजा निर्धारित करने के लिए इवेलयुएटर ने केवल रजिस्ट्री को आधार बनाया है जबकि उसमें स्टाम्प ड्यूटी , आईडीसी व ईडीसी तथा बिजली आपूर्ति के लिए प्रति फलैट 5 लाख रूप्ये आदि भी आंकलन में शामिल किए जाने चाहिए। उपायुक्त ने यह भी कहा कि डी टावर के फलैट मालिकों को मुआवजा देने के लिए डैव्लपर उनके साथ अलग से बैठक करेगा, जिसके लिए उसने प्रशासन को आश्वस्त किया है। अगर बिल्डर और फलैट मालिकों के बीच मुआवजे को लेकर सहमति नही बनती है तो इवेलयुएटर की रिपोर्ट के हिसाब से मुआवजे की ‘बेस वैल्यु‘ तय की जाएगी अर्थात् बिल्डर कम से कम उतनी राशि फलैट मालिक को अवश्य देगा। बातचीत के दौरान फलैट मालिकों के संशय दूर करते हुए उपायुक्त ने कहा कि डी टावर के फलैटों में जिनका सामान अभी रखा हुआ है वे उसे ले जाकर खाली करें। जब तक बिल्डर द्वारा फलैट मालिकों को मुआवजा अदा करने के मामले का निपटारा नही किया जाएगा तब तक फलैट मालिक उससे किराया लेने के हकदार हैं।

इसके अलावा, उपायुक्त ने यह भी कहा कि आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार टावर ई और एफ को भी खाली करवाना उचित होगा जिसके बारे में डीटीपी ने वीरवार को आदेश भी जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनो टावरों की सैंपलिंग हो चुकी है और अगले 15-20 दिन में रिपोर्ट आने की उम्मीद है। इसके साथ उपायुक्त ने यह भी कहा कि इस रिहायशी सोसायटी के सभी 9 टावरों की सैंपलिंग करवाई जाएगी। ई और एफ टावर के संबंध में उपायुक्त ने कहा कि इन टावरों में रहने वाले परिवारों को डैव्लपर अपने विकसित प्रोजेक्ट में या कहीं और निःशुल्क स्थांनातरित करवाए और इनके साथ रेंट एग्रीमेंट करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुर्नवास में फलैट मालिक अथवा उनके फलैट में रह रहे किराएदार दोनो शामिल करने होंगे।
-पुलिस को भेजी जांच रिपोर्ट की प्रति, उम्मीद है पुलिस जल्द एक्शन लेगी

बाद में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए उपायुक्त श्री यादव ने कहा कि डी टावर में 10 फरवरी को हुए हादसे के बाद डैव्लपर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। अब आईआईटी दिल्ली और जिला प्रशासन की कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद दोनो रिपोर्ट जिला पुलिस को आगामी कार्यवाही के लिए भेज दी गई हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उपायुक्त ने कहा कि गुरूग्राम शहर की अन्य रिहायशी सोसायटियों से स्ट्रक्चरल ऑडिट के संबंध में प्राप्त आवेदनों में से 16 सोसायटियों की ऑडिट रिपोर्ट इस महीने के अंत तक प्राप्त होने की उम्मीद है। उसके बाद अन्य सोसायटियों में ऑडिट करवाया जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि चिंटल हादसे के बाद नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग हरियाणा ने ड्राफट पॉलिसी गाइडलाइन्स तैयार की हैं जिसमें स्ट्रक्चरल ऑडिट को ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट की प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जा रहा है। ऐसा करने से चिंटल जैसे हादसों पर भविष्य में रोक लगेगी।
इस मौके पर डीटीपी अमित मंघोलिया भी उपस्थित थे।

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