-एड़वोकेट वशिष्ठ की शिकायत पर सरकारी सम्पत्ति के गबन व आपराधिक षड़यन्त्र रचने के आरोप में किया तलब
– आरोपी भवानी सिंह महाप्रबंधक की तलबी व सभी अभियुक्तों को जालसाजी के आरापों में तलबी के लिए, करेंगे रिविजन दायर
-ईश्वर सिंह यादव को सरकारी सम्पत्ति के गबन के लिए हो चुकी है, एक वर्ष की सजा, 4 मामले और हैं लंबित
– अनिल कुमार वर्तमान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में निदेशक वित्त हैं

भारत सारथी/कौशिक 

नारनौल। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय ने सरकारी सम्पत्ति के गबन व गबन के लिए आपराधिक षड़यन्त्र रचने के अपराध के आरोप में भारत संचार निगम लिमिटेड़ के तीन अधिकारियों को सम्मन किया है, जिनमें से दो भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) स्तर के अधिकारी हैं। न्यायालय ने नारनौल बीएसएनएल में पदस्थ उपमण्डल अधिकारी ईश्वर सिंह यादव, तथा रेवाड़ी एसएसए के तत्कालीन प्रधान महाप्रबधक त्रिभुवन सिंह चौहान व उपमहाप्रबंधक अनिल कुमार को धारा 409 व 120बी आईपीसी के तहत बतौर अभियुक्त तलब किया है।

इस अपराध के शिकायतकर्ता जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान मनीष वशिष्ठ एडवोकेट ने बताया कि जनवरी 2010 में बीएसएनएल ने ईश्वर सिंह यादव तत्कालीन मण्डल अभियन्ता (लुक आफटर), नारनौल को जिला महेन्द्रगढ़ में टेलीफोन एक्सचेंजों के रखरखाव के लिए सरकारी गाड़ी सौंप रखी थी। आरोप है कि ईश्वर सिंह यादव उस सरकारी गाड़ी को खुद के विरूद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करवाने के लिए चण्ड़ीगढ़ तक की दो बार यात्राएं की। इस तरह ईश्वर सिंह यादव ने उसे सौंपी गई सरकारी गाड़ी का प्रयोग अपने निजी कार्य के लिए 1631 किलोमीटर चला कर निगम की सम्पत्ति का गबन किया है। जब उस अपराध का खुलासा हुआ तो उक्त ईश्वर सिंह यादव ने एक फर्जी अपु्रवल लैटर बना कर, सरकारी गाड़ी को उस माह में अतिरिक्त किलोमीटर चलाने की अनुमति माँगी। उस अपु्रवल लैटर पर तिथि 19 जनवरी 2010 लिखी, जबकि गाड़ी की लॉगबुक के अनुसार वह 19 जनवरी को रात 11ः45 बजे चण्ड़ीगढ़ से वापस आया है। वह फर्जी अपु्रवल लैटर 1600 किलोमीटर की यात्रा की अनुमति देने के लिए तैयार किया था, जिसे बाद में काट कर 2000 किलोमीटर की अनुमति बना ली गई। उस अप्रुवल लैटर में गाड़ी को जिस कार्य के लिए प्रयोग करने का उल्लेख किया था, उसे पूरी तरह से अपठनीय बना कर उस गाड़ी को कोर्ट केस के लिए चण्ड़ीगढ़ ले जाना लिख कर रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा किया। जबकि कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार ईश्वर सिंह यादव को बीएसएनएल ने किसी केस में चण्ड़ीगढ़ जाने के लिए अधिकृत नहीं किया था।

शिकायतकर्ता वशिष्ठ का आरोप है कि वह अप्रुवल लैटर धोखा देने की नीयत से पहले की तारीख में तैयार किया गया है, ताकी ये अधिकारी छल व जालसाजी करके चण्डीगढ़ की यात्राओं को न्यायोचित ठहरा सकें। वशिष्ठ ने बताया कि इस अपु्रवल लैटर पर तत्कालीन उपमहाप्रबंधक भवानी सिंह यादव ने एक प्रोपोजल तैयार करके, उसे अनुमति के लिए तत्कालीन प्रधान महाप्रबंधक त्रिभुवन सिंह चौहान के पास भेज दिया। श्री वशिष्ठ का कहना है कि आरोपी त्रिभुवन सिंह चौहान महाप्रबंधक की अनुमति के बाद, चण्ड़ीगढ़ की दो यात्राओं का भुगतान की मंजूर अनिल कुमार उप महाप्रबंधक ने दे दी, जिससे बीएसएनएल को 17223 रुपए की सदोष हानी हुई।

श्री वशिष्ठ का कहना है कि सीजेएम की अदालत ने भवानी सिंह यादव को बतौर अभियुक्त तलब नहीं किया, जबकि उसके भी उस फर्जी अप्रुवल लैटर पर हस्ताक्षर हैं तथा ईश्वर सिंह यादव, त्रिभुवन सिंह चौहान व अनिल कुमार को भी जालसाजी के अपराधों की धारा 467, 468 व 471 में तलब नहीं किया है, इसके लिए वे माननीय सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में रिविजन पिटिशन दायर करेंगे।

श्री वशिष्ठ ने बताया कि सम्मनिंग से पूर्व ईश्वर सिंह यादव ने इस शिकायत को रद्द करवाने के लिए दो बार माननीय उच्च न्यायालय चण्डीगढ़ मंे याचिका प्रस्तुत की थी, किन्तु वहाँ से इसे कोई लाभ नहीं मिला। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने प्रधान महाप्रंबंधक रमेश कुमार गोयल को बतौर गवाह बुलवाया तो गवाही देने से तथा रिकॉर्ड पेश करने से बचने के लिए, तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक यशपाल के जरिए, भारत संचार निगम लि. की तरफ से माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर करवाई, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाते हुए, खारिज कर दिया था।

मनीष वशिष्ठ ने बताया की इससे पूर्व ईश्वर सिंह यादव को सरकारी सम्पत्ति के गबन के अपराध में 1 वर्ष की सजा तथा 10 हजार रुपए की सजा वर्ष 2016 में हो चुकी है तथा सरकारी सम्पत्ति के गबन के 4 मामले लंबित हैं तथा एक एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत थाना शहर नारनौल में दर्ज है। वशिष्ठ का कहना है कि उक्त ईश्वर सिंह यादव पर भ्रष्टाचार व गबन के इतने अधिक मामले होने के बाद, बीएसएनएल ने उसे उसके गृह जिले में ही पदस्थ किया हुआ है, जो बीएसएनएल में उसके भ्रष्ट गठजोड़ को दर्शाता है।

आरोपी ईश्वर सिंह यादव अभी बीएसएनएल नारनौल में उपमण्डल अभियन्ता के पद पर पदस्थ है, त्रिभुवन सिंह चौहान प्रधान महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत होकर, स्थाई लोक अदालत के सदस्य रह चुका है तथा अनिल कुमार वर्तमान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में निदेशक वित्त के पद पर तैनात है। भवानी सिंह यादव, जिसको तलब करवाने के लिए याचिका दायर की जाएगी वह वर्तमान में बीएसएनएल के कॉरपोरेट कार्यालय में महाप्रबंधक विजिलेंस है।

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