चंडीगढ़, 4 नवंबर – हरियाणा में वन आवरण बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के वन विभाग और अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) द्वारा एक नई पहल शुरू करते हुए हरियाणा में “ट्रीज़ आउटसाइड फ़ॉरेस्ट इन इंडिया” (टीओएफआई) कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। 5 नवंबर को रोहतक में टीओएफआई कार्यक्रम को विधिवत रूप से लॉन्च किया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से किसानों, कंपनियों और अन्य निजी संस्थानों को साथ लाकर राज्य में पारंपरिक वन क्षेत्रों के बाहरी क्षेत्र में वन आवरण का तेजी से विस्तार किया जाएगा। यह नया कार्यक्रम कार्बन पृथक्करण को बढ़ाने के साथ-साथ कृषि जलवायु को भी मजबूत करेगा और यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन अनुकूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहायक होगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बताया कि हरियाणा सरकार अधिसूचित वन क्षेत्रों के बाहरी क्षेत्र में एग्रो फोरेस्ट्री और वृक्षारोपण पर विशेष जोर दे रही है। वन और वृक्ष आच्छादित क्षेत्र का केवल 6.80 प्रतिशत होने के साथ ही हरियाणा ने देश के खाद्य एवं लकड़ी की जरूरतों को पूरा करने में सहयोग करने की अपनी क्षमता का विश्व स्तर पर प्रदर्शन किया है कि कैसे वन की कमी वाला राज्य भी वुड-सरप्लस राज्य हो सकता है। उन्होंने कहा कि हम हरियाणा में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि टीओएफआई कार्यक्रम वन क्षेत्रों के बाहरी क्षेत्र में एग्रो फोरेस्ट्री और वृक्षारोपण अभियान को आगे बढ़ाएगा तथा राज्य में ग्रीन कवर को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करेगा। यह 2070 तक कार्बन न्यूट्रल इकोनॉमी की दिशा में भारत के रोडमैप और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जलवायु पहल जैसे पंचामृत एवं मिशन लाइफ के संबंध में भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने में भी वाहक बनेगा। वन एवं पर्यटन मंत्री श्री कंवर पाल ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वन क्षेत्रों के बाहरी क्षेत्रों में पेड़ लगाने, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में पौधारोपण को जोड़ने से हरियाणा को वन एवं ग्रीन कवर के तहत 20 प्रतिशत क्षेत्र के अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। टीओएफआई कार्यक्रम पर्यावरण को मजबूत करने, टीओएफ आधारित उद्यमों का समर्थन करने और वन क्षेत्रों के बाहरी क्षेत्रों में वृक्ष आच्छादित क्षेत्र के विस्तार के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने में योगदान देगा। प्रवक्ता ने बताया कि टीओएफआई कार्यक्रम पारंपरिक वन क्षेत्रों के अलावा 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वन आवरण का तेजी से विस्तार करेगा, जो भारत में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बड़ा क्षेत्र बनता है। यह कार्यक्रम 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त “कार्बन सिंक” बनाने के भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित लक्ष्य में योगदान देगा। यह नया कार्यक्रम जलवायु संकट से निपटने के लिए अमेरिका-भारत की स्थायी साझेदारी पर आधारित है। Post navigation पंचायतीराज संस्थाओं के दूसरे व तीसरे चरण के चुनाव निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सम्पन्न करवाएं-राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह पराली से प्रदूषण के मामले में कृषि मंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को दिया दो टूक जवाब