गुरुग्राम के लघु सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजन का कार्यक्रम

गुरुग्राम में संयुक्त राष्ट्र दिवस पर बादशाहपुर एसडीएम सतीश मुख्य अतिथि

संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अस्तित्व में आने को चिन्हित करता है संयुक्त राष्ट्र दिवस

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
गुरुग्राम में संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया गया। इसके लिए गुरुग्राम के लघु सचिवालय के प्रथम तल पर स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव मुख्य अतिथि थे। एसडीएम सतीश यादव ने इस मौके पर कहा कि वर्ष 1948 से प्रत्येक वर्ष 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अस्तित्व में आने को चिन्हित करता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर वैश्विक शांति और समानता की दिशा में कार्य कर रहे संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक दस्तावेज है। दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र के घोषणा पत्र का प्रारूप तैयार करने के लिए 50 देशों के प्रतिनिधि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एकत्रित हुए और 26 जून 1945 को सभी देशों के हस्ताक्षर के बाद इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के रूप में स्वीकार किया गया था। उन्होंने बताया कि पोलैंड बाद में इस पर हस्ताक्षर करके संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य बना था।

संयुक्त राष्ट्र 193 सदस्यों वाला महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठन
सतीश यादव  ने बताया इसके पश्चात संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक रूप से 24 अक्टूबर 1945 को अस्तित्व में आया जब चीन, फ्रांस, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमरीका समेत अधिकांश हस्ताक्षर कर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर की पुष्टि कर दी। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र 193 सदस्यों वाले एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठन के तौर पर कार्य कर रहा है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों को सुविधाजनक बनाने हेतु सहयोग प्रदान करना, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक विकास तथा मानव अधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ विश्व शांति की दिशा में कार्य करना है। श्री यादव ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य रूप से छह अंग है- जिनमें महासभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक एवं सामाजिक परिषद, न्यास परिषद, सचिवालय और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय शामिल है।

सतीश यादव ने संयुक्त राष्ट्र ध्वज फहराया
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र दिवस का थीम- नस्लवाद का अंत, शांति की स्थापना है, जिस पर सभी राष्ट्रों को अमल करने की जरूरत है।  यादव ने कार्यक्रम में पहुंचे विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों, अध्यापकों तथा प्रधानाचार्याे से कहा कि वे विद्यार्थियों को संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में बताएं और उन्हें नस्लवाद को खत्म करने व शांति का मार्ग अपनाने को प्रेरित करें, तभी हमारा राष्ट्र और संपूर्ण विश्व तरक्की और उन्नति की राह पर आगे बढ़ सकता है। इससे पहले एसडीएम सतीश यादव ने संयुक्त राष्ट्र ध्वज भी फहराया। इस कार्यक्रम में भी राष्ट्रीय ध्वज के बाईं ओर संयुक्त राष्ट्र संघ का ध्वज लगाया गया।

भारत की विदेश नीति की सर्वत्र प्रशंसा
इस मौके पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोंडसी के प्रधानाचार्य डॉ श्याम राघव ने बताया कि लीग ऑफ नेशंस की असफलता के बाद दूसरा विश्व युद्ध हुआ। जब दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ तो विश्व समुदाय ने राष्ट्रों के बीच शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया जिसे लीग ऑफ नेशंस से ज्यादा शक्तियां दी गई। उन्होंने वर्तमान में चल रहे हैं रूस- यूक्रेन युद्ध का भी उल्लेख किया और बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ इस युद्ध को रोकने में इसलिए असफल रहा क्योंकि रूस ने अपनी वीटो पावर का प्रयोग किया और सदस्य देशों से कहा कि कोई भी अन्य देश यूक्रेन की मदद को नहीं आएगा। उन्होंने बताया कि भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करते हुए इस मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ में हुई वोटिंग से अपने आप को दूर रखा, जिसके कारण भारत की विदेश नीति की सर्वत्र प्रशंसा हुई।

मरुस्थल, तालाब व जलाशय का होना जरूरी
इसी विद्यालय के राजनीतिक शास्त्र के प्रवक्ता श्री लक्ष्मी चंद ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा के बारे में जानकारी दी और बताया कि वोटिंग के समय सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों को हाजिर रहना जरूरी होता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग आर्थिक एवम् सामाजिक परिषद, न्यास परिषद और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है जबकि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय श्द हेगश् में है। राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुशांत लोक सेक्टर 43 के प्रमुख तख्त सिंह चौहान ने संयुक्त राष्ट्र संघ की पर्यावरण संरक्षण में भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए केवल पौधे लगाने ही जरूरी नहीं है बल्कि प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखना भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि मरुस्थल, तालाब व जलाशय आदि प्रदूषण को सोख कर प्रकृति में संतुलन बनाए रखते हैं, इसलिए धरा पर इनका होना भी जरूरी है। राजकीय विद्यालय भोंडसी की गणित की प्रवक्ता डॉक्टर सारिका जैन ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में शुरू किए गए मिशन लाइव के बारे में बताया और विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया।

युद्ध के समय के नियमों की जानकारी दी
पत्रकार सूबेदार मेजर सतवीर शर्मा (सेवानिवृत) ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा युद्ध के समय के लिए बनाए गए नियमों के बारे में जानकारी दी और बताया कि युद्ध के समय कोई भी देश अपने दुश्मन देश के सामान्य नागरिकों पर हमला नहीं करेगा और ना ही रेड क्रॉस सोसाइटी के वाहन या कर्मियों पर हमला करेगा। युद्ध बंदियों के साथ सामान्य नागरिकों के समान व्यवहार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सन 1971 के भारत-पाक युद्ध में हमारे देश की सेनाओं ने 99000 पाकिस्तानी बंदियों को रिहा किया, जो कि एक रिकॉर्ड है।विद्यार्थियों ने भी संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में अपने विचार रखे और उसके गठन से लेकर उसके महत्वपूर्ण अंगों तथा विशेष परिस्थियों में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के बारे में बताया।  

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