तुम्हें जीना, तुम्हें मरना – सिखाने कौन आएंगे ‘, उन्हें मालूम है उनका  कफ़न तक बेच खाएंगे !
लगाया नाम का पत्थर – खड़ा कर चोराहों पर “, तुम्हें वो जानते थे, अब पहचान भी जाएंगे !
तुम्हें जीना, तुम्हें मरना – सिखाने कौन आएंगे  ??

गुरुग्राम 22/10/22 – तरविंदर सैनी (माईकल) आम आदमी पार्टी के अनुसार  कल ही के दिन आज़ाद हिंद फौज का गठन कर उसकी स्थापना हुई , भारत को आज़ादी दिलाने के लिए इस फ़ौज का निर्माण बेहद जरूरी हो गया था जिसके लिए ना जाने सुभाष चंद्र बोस जी ने कितने ही देशों की धूल फाँकनी पड़ी  कितनी ही परेशानियों को झेला  मगर उनके अतुलनीय बलिदानों कष्टों व पराक्रमों को बिल्कुल ही भुला दिया गया – शहीदों का सर्वाधिक सम्मान करने का दावा करने वाली पार्टी भाजपा द्वारा   जो कभी शहीदों की सूची तैयार करवाती है  तो कभी कालापानी के सेल्युलर जेल से मिट्टी ले आकर प्रदेश भर के खेतों में छिड़कवा अपने समर्पण भाव को दर्शाती है .

उसी भाजपा के सभी कार्यालय सुने पड़े थे हरियाणा में कहीं भी आज़ाद हिंद फौज के स्थापना दिवस को नहीं मनाया गया  जब्कि होना यह चाहिए था कि स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की प्रतिमाओं का माल्यार्पण कर उनकी शौर्यगाथाओं को बताया जाता  मगर नहीं  क्योंकि वास्तविकता यह है कि शहीदों के प्रति इनके मन में कोई इज्जत और स्थान है ही नहीं – वरना कल की भूल को आज भूल सुधार सकते थे  वीर शहीद अशफाक उल्ला खां  के जन्मदिवस को धूमधाम से मनाकर  मगर नहीं इन्हें तो अपने आका प्रदेशाध्यक्ष श्रीमान श्री श्री ओपी धनखड़ जी का जन्मदिवस ही याद है जो कल बड़े जोशोखरोश से मनाया जाने वाला है  उसके लिए तो भाजपाई जगह-जगह न्यौता देते हुए घूम रहे हैं  यहाँ तक कि दीपावली मिलन समारोह भी जो गुरुकमल कार्यलय में होना था इक्कीस तारीख को  उसे भी कारण लगा स्थगित कर दिया  ताकि बादशाह सलामत के घर पर उनके जन्मदिन को उत्सव का रूप दिया जा सके – तो हुआ ना शहीदों से अधिक महत्वशाली ओपी धनखड़ जी का जन्मदिवस ?

इन छद्म राष्ट्रवादियों को तो गुरुग्राम में कितने शहीद हुए उनकी संख्या बारे में भी कुछ ज्ञात नहीं है  हालांकि बेनाम शहीदों के नाम गिनाते रहते हैं जिन्होंने अंग्रेजों के पक्ष में कार्य किए उन्हें वीर बताते हैं  माना भूत चढ़ा होगा धनखड़ जी के जन्मदिन का या आदमपुर उपचुनाव का  या फिर अपने ओजश्वी-तेजस्वी नेता को महान साबित करने का  मगर  भले इंसानों जो स्थापित हैं जिन्हें देश क्या पूरा विश्व जानता है मानता है पूजता है  जिनके कारण आज देशवासियों को आज़ादी की खुली हवा में सांसे लेने को मिल रही हैं उन्हें तो नहीं भुलाना चाहिए था ! 

क्या समय आ गया है नेताओं के लिए अपना नाम ही महत्व रखने लगा है शहीदों के नाम का तो केवल सहारा लेते हैं , खैर देशभक्ति की भावना दिल से होती है जो इन भाजपाइयों में कहीं नजर नहीं आती है ।

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