क्या रीत बदली भाजपा ने कुलदीप की खातिर?

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आदमपुर उपचुनाव को लेकर भाजपा हिसार कार्यालय में पिछले तीन दिनों से लगातार संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर रही है। एक दिन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और उनके साथ कृषि मंत्री जेपी दलाल थे। दूसरे दिन पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर और आज कुरूक्षेत्र से सांसद नायब सैनी थे।

इन संवाददाता सम्मेलनों के समय को देखा गया और जो प्रेस विज्ञप्ति भाजपा द्वारा भेजी गई, वह इस बात पर ध्यान इंगित करा रही थी कि उनके पीछे जो बोर्ड लगा है, उस पर भाजपा तो अंकित है लेकिन किसी नेता का चित्र नजर आ नहीं रहा। विचारनीय विषय है कि ऐसा क्यों?

पहले तो दुष्यंत चौटाला की फोटो न लगाने पर विवाद हुआ था, फिर स्थानीय सांसद बिजेंद्र सिंह की फोटो न लगाने पर विवाद हुआ। यह भी सुनने में आया था कि कुलदीप बिश्नोई जाट विरोधी राजनीति करते आए हैं और जहां चित्र लगने थे, उनमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और इस चुनाव के प्रभारी का चित्र लगना तो आवश्यक था और वे जाट समुदाय के हैं। शायद यह भी कारण हो सकता है कि कुलदीप बिश्नोई को यह पसंद न हो।

मामला क्या है यह तो भाजपा और कुलदीप ही जानें, हम तो अनुमान ही लगा सकते हैं।

भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कही जाती है और भाजपा के प्रोटोकॉल में है कि कहीं भी कोई कार्यक्रम हो तो उसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष व अन्य शीर्ष नेताओं के चित्र होते हैं। छोटे-छोटे कार्यक्रम में भी यह देखा गया है। यहां तक कि सोशल मीडिया पर जो जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हैं, वहां भी प्रोटोकॉल को निभाया जाता है। इन बातों से अनुमान लगाया जा सकता है कि भाजपा और कुलदीप बिश्नोई में अभी तक सामंजस्य बना नहीं है और भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई के सामने अपनी क्या रीत बदल दी।

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