भोलू के मामले की बालिग आरोपी के रुप में होगी सुनवाई
31 अक्तूबर को जिला एवं सत्र न्यायालय में होगी सुनवाई

गुडग़ांव, 17 अक्टूबर (अशोक) : प्रिंस हत्याकांड में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में सोमवार को सुनवाई हुई। सभी पक्ष बोर्ड के समक्ष सुनवाई के लिए पेश हुए। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने देर सायं अपना फैसला सुना दिया है कि आरोपी भोलू के मामले की सुनवाई बालिग आरोपी के रुप में जिला एवं सत्र न्यायालय में की जाएगी। आगामी 31 अक्तूबर को इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई होगी। बोर्ड तब तक इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेज जिला एवं सत्र न्यायालय को भेज देगा। पिछली कई तारीखों पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष तीनों पक्षों ने अपना-अपना पक्ष रख दिया था।

सीबीआई व पीडि़त के अधिवक्ता ने बोर्ड के समक्ष दलीलें पेश करते हुए आग्रह किया था कि इस मामले के आरोपी भोलू की सुनवाई बालिग आरोपी के रुप में की जाए। जबकि भोलू के अधिवक्ता ने अपनी दलीलों में कहा था कि आरोपी भोलू के मामले की सुनवाई नाबालिग आरोपी के रुप में की जाए। क्योंकि जब यह घटना घटित हुई थी, तब आरोपी भोलू नाबालिग था।

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीनों पक्षों की दलीलों का अध्ययन करने के बाद अपना फैसला दे दिया है कि आरोपी भोलू के मामले की सुनवाई बालिग आरोपी के रुप में जिला एवं सत्र न्यायालय में की जाए। अब उन सभी चर्चाओं पर विराम लग गया है कि आरोपीभोलू के मामले की बालिग के रुप में सुनवाई होगी या फिर नाबालिग के रुप में। सभी की नजर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले पर टिकी हुई थी।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को जिले के एक निजी स्कूल के शौचालय में कक्षा दूसरी के छात्र की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल बस परिचालक अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब
परिजनों ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की प्रदेश सरकार से गुहार लगाई तो सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी थी। सीबीआई ने इसी स्कूल के कक्ष 11वीं के छात्र भोलू को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था।

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