राजस्व विभाग से जुड़े कार्यों का सरलीकरण करें, मण्डलायुक्त ने दिए निर्देश

– स्वामित्व योजना के विवादों को संबंधित तहसीलदार स ुनवाई करके निपटाएं
– रजिस्ट्री होने के साथ ही उसके इंतकाल की ऑटोमैटिक एंट्री हो, ऐसी व्यवस्था बनाएं

गुरुग्राम, 11 अक्तूबर। गुरूग्राम के मण्डलायुक्त श्री रमेश चंद्र बिढान ने मंगलवार को मण्डल के तीनों जिलों के उपायुक्तों के साथ राजस्व विभाग तथा आपदा प्रबंधन से जुड़े विषयों पर बैठक की और उन्हें निर्देश दिए कि वे राजस्व रिकॉर्ड की नकल ऑनलाईन माध्यम से देने की प्रक्रिया शुरू करें। इसके लिए प्रक्रिया को इतना सरल बनाया जाए कि लोगों को अपनी जमीन की फरद लेने में कठिनाई ना हो।   

उन्होंने राजस्व विभाग से जुडे़ कार्यों की समीक्षा करते हुए उनके सरलीकरण के लिए उपायुक्तों से सुझाव भी मांगे। मण्डलायुक्त ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों की खेवट का कई सालों से बंटवारा नहीं हुआ है जिसकी वजह से उनमें इतने ज्यादा हिस्सेदार हो गए हैं कि मामला उलझा हुआ नजर आ रहा है और उनमें आपसी खींचतान बढ गई है। उन्होंने कहा कि खेवट में अलग हिस्सेदारी करने को लेकर उपायुक्त अपने-अपने जिला में एक गांव को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लें और उस गांव के रकबे में खेवट अलग करना अनिवार्य कर दें। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी यदि इस काम को सिरे चढा पाते हैं तो यह ग्रामीण लोगों के प्रति बड़ी सेवा होगी।   

उन्होंने यह भी कहा कि जमीन की रजिस्ट्री होने के साथ ही उसके इंतकाल की ऑटोमैटिक एंट्री हो जाए, ऐसी व्यवस्था बनाएं। उन्होंने कहा कि एंट्री होने के बाद तहसील स्तर पर उसकी मंजूरी की कार्यवाही पूरी करें। मण्डलायुक्त ने यह भी कहा कि तहसील स्तर पर पटवारियों के लिए बैठने की जगह निर्धारित हो और वहीं पर उस तहसील से संबंधित  कागजात या दस्तावेज रखें हों ताकि लोगों को अपने रोजमर्रा के कार्य करवाने में दिक्कत ना आए। इस कार्य को भी जिला में किसी एक तहसील में पायलेट आधार पर शुरू किया जा सकता है। वहां पर रहने वाली कमियों को दूर करके इसे बाद में जिला की सभी तहसीलों में लागू करें। इससे राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और विभाग का कार्य भी बेहत्तर ढंग से पूरा हो पाएगा जिससे लोगों में राजस्व विभाग की छवि भी अच्छी बनेगी।   

उन्होंने ऑनलाईन गिरदावरी करने पर जोर देते हुए कहा कि पटवारी गांवों में जाकर वहीं से फसलों की फोटो लेकर टेबलेट पर अपलोड करें। इससे उनके कार्य में पारदर्शिता आएगी। इस पर एक-दो जिलों के उपायुक्तों ने कहा कि एक पटवारी के पास 10 से 15 गांव हैं इसलिए पटवारियों की कमी को देखते हुए उनके साथ सहायक लगाने  की जरूरत है। इस सुझाव पर मण्डलायुक्त ने सहमति जताते हुए कहा कि वे इस मामले पर राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियांे से परामर्श करेंगे।

  स्वामित्व योजना की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए चलाई गई स्वामित्व योजना को सिरे चढाएं, इससे गांवों में रहने वाले लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिलेगा जिसके कई प्रकार के फायदें हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि किसी गांव में आपसी विवाद आते हैं तो संबंधित तहसीलदार सभी पक्षों की सुनवाई करके उसका जल्द निपटारा करवाए। उन्होंने ई-फसल क्षतिपूर्ति योजना की भी समीक्षा की और उपायुक्तों से कहा कि वे इस कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करवाएं। इसके साथ मण्डलायुक्त ने यह भी कहा कि बरसात की वजह से यदि कहीं पर आबादी में पानी खड़ा है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर खाली करवाएं।   

इस बैठक में गुरूग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव उपस्थित थे जबकि महेंद्रगढ़ के उपायुक्त डा. जयकिशन आभीर और रेवाड़ी के उपायुक्त श्री अशोक गर्ग ने वीडियों कॉन्फें्रसिंग से बैठक में हिस्सा लिया।  

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