भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। वर्तमान में सारे प्रदेश में बाजरा खरीद की समस्या चल रही है और मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, मुख्य सचिव सभी इन समस्याओं से अवगत हैं और इन पर सरकार की कार्यशैली की सूचना अखबारों के माध्यम से जनता को दे रहे हैं। आज पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को बाजरा खरीद की समस्या से अवगत कराएंगे तो मन में विचार आया कि क्या सीएम इतने नादान हैं कि प्रदेश की बड़ी समस्या की ओर भी उनका ध्यान नहीं? या उनकी ओर से प्रेस विज्ञप्तियां कोई और ही भेजता है? जो अब विधायक सत्यप्रकाश जरावता जाकर उन्हें बाजरा खरीद की समस्या की जानकारी देंगे। आज तो बड़ा प्रश्न यह है कि कल से जो लगातार बरसात हो रही है और जो किसानों का बाजरा मंडियों में है, उसका कितना नुकसान होगा और उससे कैसे बचा जाए? और नुकसान होगा, उसकी भरपाई सरकार किस प्रकार करेगी? विधायक जी ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगे कि जो बाजरा न बिके, उसे भावांतर पर खरीदा जाए तो क्या विधायक जी मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के ब्यान और नीतियों के बारे में अवगत नहीं हैं? और तो और जिला प्रशासन और अनाज मंडियों की कार्यशैली से भी अवगत लगते नहीं, क्योंकि सरकार की ओर से बार-बार यह कहा जा रहा है कि जो बाजरा एमएसपी पर नहीं बिकेगा, वह आढ़तियों द्वारा खरीदा जाए या फिर बाहर ही बेचा जाए तो भी उसका भावांतर योजना से पैसा दिया जाएगा। शर्त केवल इतनी है कि उस किसान का नाम पोर्टल पर दर्ज होना चाहिए। मानेसर की 1810 एकड़ जमीन का मुद्दा विधायक जरावता ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे। प्रश्न यह उठता है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में एक माह से किसान धरने पर बैठे हैं। तीन बार उनका प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर बातचीत भी कर चुका है और फिर भी वह धरने पर बैठे हुए हैं, दिल्ली कूच भी कर चुके हैं, राज्यपाल और राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दे चुके हैं। लगभग हर पार्टी के नेता धरना स्थल पर किसानों के समर्थन में आ चुके हैं। उसके बाद विधायक का यह कहना कि वह मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे, कितना प्रासंगिक लगता है? अब हम यह भी कह सकते हैं कि ये समस्याएं इतनी बड़ी हैं कि मुख्यमंत्री और हरियाणा सरकार इनको सुलझाने में प्रयासरत हैं और उन्हें अपने क्षेत्र की जनता को अपने में विश्वास बनाए रखने की प्रक्रिया को जारी रखना है। तो शायद इसी प्रक्रिया में उन्होंने जनता को आश्वस्त करने के लिए कि वह तो उनकी समस्याओं को समझते हैं और उनके साथ खड़े हैं लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री को अभी इनका ज्ञान नहीं है। अत: वह उन्हें अवगत करा समस्या का समाधान निकालेंगे। शायद वह यह भूल गए कि जाने-अंजाने में वह कह रहे हैं कि हमारे मुख्यमंत्री इतने नादान हैं कि उन्हें इन बड़ी समस्याओं का भी ज्ञान नहीं है और वह जाकर मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे। Post navigation भृस्टाचार पर कार्यवाही तो क्या जाँच भी नहीं करा रही खट्टर सरकार : माईकल सैनी (आप) बालाजी स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट तथा राज पनीर भंडार पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ता गुरुग्राम की रेड