धोलेडा में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ जाम लगाना पड़ा महंगा

पुलिस ने 30 से 35 लोगों पर बनाया केस, पत्रकार के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

भारत सारथी/कौशिक

नारनौल। गांव धोलेड़ा में ओवरलोडिंग वाहनों के आवागमन से त्रस्त जाम लगाना ग्रामीणों को महंगा पड़ गया। पुलिस ने जाम लगाने वाले 30 से 35 ग्रामीणों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मुख्य आरोपी इस गांव के निवासी पत्रकार गुलशन यादव को बनाया गया। पुलिस ने ओवरलोड वाहनों के खिलाफ एक्शन लेने की बजाय पीड़ित लोगों पर ही उल्टा केस बना दिया।

गुरुवार को जो धोलेड़ा के ग्रामीणों ने ओवरलोड वाहनों से त्रस्त होकर गांव में ही जाम लगाया था। जाम को खुलवाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम में गांव के बीचो-बीच गुजर रहे मुख्य रास्ते से होकर ओवरलोड वाहन गुजरते हैं जिससे हमेशा हादसा होने का डर बना रहता है।

ओवरलोड वाहनों के कारण मुख्य सड़क जर्जर हो गई है। वहीं इससे रोजाना धूल मिट्टी भी उड़ती रहती है। जिसकी वजह से ग्रामीण बीमार होने लगे हैं ।‌कई ग्रामीणों को दमा और सांस की शिकायत हो गई है। गुरुवार को ओवरलोड वाहनों से पत्थर गिरने के कारण एक बच्चा बाल बाल चपेट में आने से बच गया।

इस मामले को लेकर पुलिस की ओर से निजामपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है। जिसमें बताया गया है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि धोलेड़ा क्रेशर जोन की प्वांइट मुख्य रास्ते पर कुछ लोगों ने पत्थर डालकर रास्ता जाम कर दिया जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।

सूचना मिलने पर एएसआई धर्मेंद्र, एएसआई कुलदीप, अमित और सिपाही संदीप के साथ पुलिस बल मौके पर पहुंचा। रोड के दोनों और छोटे-बड़े वाहन खड़े हुए थे। जाम वाले स्थान पर 30 से 35 लोगों ने रोड के बीचो बीच पत्थर डाल रखे थे। इस पर वहां लोगों को शांत किया गया लेकिन लोग नहीं माने और पुलिस से अभद्र विहार करने लगे। रास्ता नहीं खोलने की धमकी दी। तीन-चार घंटे तक लोग जिद पर अड़े रहे। जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। पुलिस बल ने ग्रामीणों को वहां से खदेड़ा।

वहीं ग्रामीणों के द्वारा बनाए गए वीडियो में नांगल चौधरी थाना प्रभारी आम जनता की समस्या को समाधान करने की बजाय उनको हड़काते दिखाई दे रहे हैं। उनकी भाषा जनता को उकसाने के साथ अपमानित करने वाली थी। पुलिस विरोध करने वालों पर अपना दमन चक्कर चला रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस क्रेशर जोन की तरफ से मंथली बंधी हुई है जिस कारण वे उन पर अंकुश नहीं लगा रही। एक पखवाड़े पूर्व खान मालिकों की शह पर पत्रकार मनोज गोस्वामी पर मामला दर्ज किया गया था। पुलिस खान व क्रेशर मालिकों के पक्ष में ज्यादा खड़ी नजर आती है वही पीड़ित जब आवाज उठाते हैं तो उन पर मुकदमा बना दिया जाता है।

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