पीडि़त प्रिंस के परिजनों के अधिवक्ता ने बोर्ड के समक्ष पेश की दलीलें
आरोपी भोलू के मामले की सुनवाई की जाए बालिग आरोपी के रुप में
अगली सुनवाई 10 को
आरोपी के अधिवक्ता रखेेंगे अपना पक्ष

गुडग़ांव, 6 अक्तूबर (अशोक) : प्रिंस हत्याकांड में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने वीरवार को सुनवाई शुरु की। मनोचिकित्सकों की कमेटी द्वारा जुवेनाइजल जस्टिस बोर्ड में पेश की गई रिपोर्ट पर पीडि़त प्रिंस के परिजनों के अधिवक्ता ने अपनी दलीलें पेश की। बताया जाता है कि उन्होंने दलीलें दी कि जब यह घटना घटित हुई थी, उस समय आरोपी भोलू की मनोस्थिति बिल्कुल ठीक थी, उसको मालूम था कि वह जो कृत्य कर रहा है, उसका क्या परिणाम होगा। बोर्ड से आग्रह किया है कि आरोपी भोलू के मामले की सुनवाई बालिग आरोपी के रुप में की जाए। दलीलें काफी देर चली।

अब इस मामले में आरोपी भोलू के अधिवक्ता बोर्ड के समक्ष अपनी दलीलें प्रस्तुत करेंगे। इसके लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आगामी 10 अक्तूबर की तारीख निश्चित कर दी है। गत दिवस सीबीआई इस मामले में अपनी दलीलें बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर चुकी है, जिसमें सीबीआई ने भी बोर्ड से आग्रह किया था कि भोलू के मामले की सुनवाई बालिग आरोपी के रुप में की जाए। तीनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस बोर्ड इस मामले में अपना फैसला देगा कि मामले की सुनवाई बालिग आरोपी के रुप में की जाए या फिर नाबालिग आरोपी के रुप में।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को जिले के एक निजी स्कूल के शौचालय में कक्षा दूसरी के छात्र की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल बस परिचालक अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब परिजनों ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की प्रदेश सरकार से गुहार लगाई तो सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी थी। सीबीआई ने इसी स्कूल के कक्ष 11वीं के छात्र भोलू को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था।

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