मानेसर क्षेत्र से आधा दर्जन गांवों के किसान ज्ञापन देने पहुंचे दिल्ली
दिल्ली से गुरुवार शाम पांच बजे पार्लियामेंट थाने से आया बुलावा  
किसानों के द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के नाम सौंपा गया अपना ज्ञापन
पार्लियामेंट थाना अधिकारी ने मोदी के नाम स्वीकार किया ज्ञापन

फतह सिंह उजाला

नई दिल्ली/मानेसर/पटौदी। साइबर सिटी गुरुग्राम के नगर निगम और सबडिवीजन मानेसर क्षेत्र के कासन सहित अन्य गांवों के किसानों के द्वारा गुरुवार को पीएम मोदी के नाम दिल्ली जाकर मांग पत्र सौंपने के मुद्दे को लेकर हरियाणा पुलिस तथा दिल्ली पुलिस का अलग-अलग चेहरा सामने उभर कर आया है । हरियाणा पुलिस ने किसानों को जहां धरना स्थल पर ही रवानगी के समय राउंडअप कर लिया। इसके दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस की तरफ से किसानों को न्योता प्राप्त हुआ । कई घंटे तक पुलिस के द्वारा राउंडअप किया रखे जाने के बाद , आखिरकार किसान प्रतिनिधि मंडल में सत्यदेव , रोहतास, महेंद्र पटवारी, प्रदीप एडवोकेट, रोशन थानेदार, राजीव मानेसर इत्यादि पीएम मोदी के नाम ज्ञापन सौंपने के लिए दिल्ली पुलिस के बुलावे पर पार्लियामेंट थाने पहुंचे और वहां थाना अधिकारी को पीएम मोदी के नाम अपना ज्ञापन अथवा मांग पत्र सौंपा।

पीएम मोदी के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि गाव कासन की 1810 एकड़ जमीन जिस पर सेक्शन 4की धारा सन 2011 में कांग्रेस सरकार के समय मे ली गई  थी । उसको आज 2022 में हरियाणा की बी.जे.पी सरकार द्वारा अधिग्रहण किया गया है । इस जमीन का मुआवजा सरकार हमे 55 लाख प्रति एकड के हिसाब से आज 2022 में दे रही है । हम 2011 में भी इसका विरोध कर रहे थे और जब उस समय की सरकार ने. हमारी बात नहीं सुनी, हमने  कांग्रेस सरकार को हटाने में दक्षिण हरियाणा की तरफ से प्रयास किया और काग्रेस सरकार को उखाड़ फैका था। बीजेपी की सरकार 2014 के चुनाव मे बनाने में बड़ी भूभिका निभाई थी और उसी प्रकार 2019 में भी बीजेपी में भरोसा रखते हुए कि यह सरकार किसान हितैषी है, और किसानों के हित की करती है। किसानों की आय दो गुणा करने का काम करती है। लेकिन आज की मनोहर लाल खट्टर की सरकार  हम किसानों को उजाड़ने का काम कर रही है।

गांव कासन की जमीन इससे पहले भी आइएमटी के लिए चार चरण में और केएमपी एवं रेलवे कोरीडीर के लिए दो चरण मे अक्वायर हो चुकी है । अब हमारे पास ले देकर सिर्फ ये ही 1810 जमीन बची है । जिसमे लगभग 25 गावो की हिस्सेदारी है, इस जमीन से हम अपना जीवन यापन, पशुपालन एवं खेतीबाड़ी का काम करके अपना जीवन बिता रहे है । र्प्यावरण के हिसाब से भी ये जमीन हमारे लिए , हमारे बच्चों के लिए अती आवश्यक है । इस अधिग्रहण के विरोध मे हम लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और हमारे विधायक और सासद से भी गुहार लगा चुके है । उन्होंने भी सीएम खट्टर से इसको अधिग्रहण से मुक्त करने की बात रखी है , लेकिन सीएम खट्टर बात सुनने की बजाय कहते है कि जमीन तो मैने ले ली है, मै यह जमीन नहीं छोडुगा। क्योकि इतने कम कीमत की जमीन को बेचकर मैं हरियाणा सरकार का कर्ज चुकाउंगा। हमने 6 बार सरकार और सीएम  खट्टर से मुलाकात की है , लेकिन वह हमारी सुनने की बजाए ही प्रापर्टी डीलरों वाली भाषा में बात करते हैं । अगर सरकार को जमीन को चाहिये तो 11 करोड़ प्रति एकड़ जमीन की कीमत किसानों को दे दा और  जमीन को ले लो। आपको दुखी मन से पत्र लिख रहे हैं कि हम गरीब किसानों की आप प्रधानमंत्री जी किसानों की बात जरूर सुनेंगे और न्याय दिलाने का काम करेंगे। इस जमीन मे लगभग 1000 परिवार ऐसे रहते है जिनके पास 100 गज से लेकर 1000 गज तक की जमीन है।

किसान सुरेंद्र, प्रेमलाल, प्रवीन शर्मा, इमरत, रमेश प्रधान, नानचद, मुकेश कुमार, राजेश, ओमकार सिंह, मुकेश कुमार, राम अवतार, राज कुमार, शकर सहित अन्य केद्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया है कि बड़े किसान इसमें बहुत कम है, अगर ये जमीन अधिग्रहण की जाती है तो 1000 परिवार गाव कासन के स्थाई निवासी होने के बावजूद भी गांव छोड़ने को मजबूर हो जायेंगे । क्योकि हमारे गांव में रहने के प्लाटों की कीमत लगभग 40 से 50 हजार प्रति वर्ग गज तक की है । ऐसे में इन किसानों के लिए घर खरीना असम्भव सा काम होगा । इस लिये आपसे प्रार्थना है कि आप हमारी सहायता करने की कृपा करें । क्योंकि आम का ही नारा है सब का साथ सब का विकास और अब का विश्वास । लेिकन हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार हमारा विश्वास और विकास दोनों को तोड़ने का काम कर रही है। पीएम मोदी जी अंगर हमारी बात नही सुनी गई तो हम अपने बच्चों , महिलाओ और बुजुगो सहित सड़को पर आने के लिए मजबूर हो जायेंगे ।