घायल को 50 लाख का मुआवजा और नौकरी मांग की
महापंचायत में पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
पूर्व में दर्ज 35 लोगों पर एससी एसटी एक्ट को निरस्त किया जाए

भारत सारथी/ कौशिक
नारनौल। अटेली थाना अंतर्गत गांव खेड़ी कांटी में हुए गत बुधवार को दो समुदायों के बीच झगड़े को लेकर सोमवार को इस गांव में सर्व समाज की एक महापंचायत का आयोजन किया गया। हालांकि पंचायत में राजपूत समाज के लोगों की संख्या ज्यादा रही। पंचायत में निर्णय लिया गया कि सरकार व प्रशासन गांव में आपसी भाईचारा स्थापित करें और जो युवक कुल्हाड़ी लगने से घायल हुआ है उसको 50 लाख की आर्थिक सहायता के साथ सरकारी नौकरी दी जाए।

याद रहे गांव खेड़ी कांटी में स्थित शिव मंदिर मेले को लेकर उपजे विवाद ने 2 बिरादरी के आपसी झगड़े के बाद रंजिश का रूप ले लिया। गत 10 सितंबर को गांव के शिव नाथ मंदिर में मेला लगा था। आरोप है कि इसमें वह मामूली विवाद के बाद राजपूत समाज के लोगों ने अनुसूचित जाति पर हमला बोल कर उन्हें घायल कर दिया था। मंदिर की मूर्ति तोड़ने का भी आरोप राजपूत समाज पर लगाया गया था। इस झगड़े के बाद राजपूत समाज के कई लोगों के ऊपर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

पुलिस को सारे मामले में कसूरवार बताया

पुलिस ने गांव की पंचायती राजनीति को गंभीरता से नहीं समझा जिसकी परिणति उक्त हमले के रूप में हुई। आरोप यह भी लगाया गया कि झगड़े के लिए पुलिस पूरी जिम्मेवार है।

जबकि पुलिस का कहना है कि उसने शांति बनाए रखने के लिए गांव पंचायत की बात मानी और आपसी भाईचारे को ज्यादा महत्व दिया। वही गांव वालों का कहना है यदि समय रहते दोनों पक्षों के लोगों को पाबंद कर दिया जाता तो दूसरी घटना ने घटती।

इसके बाद पुलिस प्रशासन ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया तो इससे नाराज होकर अनुसूचित जाति के लोगों ने 28 सितंबर को राजपूत समाज के कुछ लोगों पर सुनियोजित तरीके से बेरहमी से हमला कर दिया। इस हमले में पवन सिंह नामक युवक के पैर हाथ और सिर पर कुल्हाड़ी से घातक प्रहार किए गए। जिसका उपचार जयपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है और उसकी अवस्था गंभीर बताई जा रही है।

इसके बाद दोनों समुदायों के लोगों ने काफी तनातनी हो गई थी बाद में मौके पर पहुंचे एसपी, अन्य पुलिस व गुप्तचर विभाग के अधिकारियों ने स्थिति पर काबू पाया था। कहा तो यह भी जा रहा है कि यदि आरोपियों को पुलिस ने बुधवार को उस वक्त नहीं गिरफ्तार किया होता तो बहुत बड़ी घटना घट सकती थी जो प्रशासन और सरकार के काबू से बाहर का मामला हो जाती।

घटना के दूसरे दिन गांव वालों ने मंदिर में पंचायत कर कनीना पुलिस उपाधीक्षक, थाना प्रभारी अटेली और तहसीलदार अटेली की मौजूदगी में जिला प्रशासन को मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए 24 घंटे का समय दिया । साथ में अल्टीमेटम दिया था कि यदि समय रहते मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ा गया तो इसके लिए वे सड़कों पर उतर आएंगे। तनाव को देखते हुए प्रशासन ने गांव में शांति बनाने के लिए धारा 144 लगा दी थी।

सोमवार को गांव में सर्व समाज की महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत में फैसला लिया गया कि गांव में सरकार आपसी भाईचारा स्थापित करवाये, वहीं घायल पवन कुमार के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करें तथा पवन के अपाहिज होने पर उसे सरकारी नौकरी दी जाए।

एससी एसटी एक्ट केस खत्म करने की मांग

महापंचायत में मांग की गई कि गत 10 सितंबर को हुए झगड़े में गांव के करीब 35 लोगों पर एससी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था इसलिए दर्ज मुकदमे को खारिज किया जाए ताकि गांव में आपसी भाईचारा व अमन चैन स्थापित हो सके इस मौके पर महापंचायत में अनेक लोग उपस्थित थे पंचायत की अध्यक्षता रतन सिंह चेयरमैन और शिव कुमार खेड़ी ने की।

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