बाजरा सरकार किसानों से सीधे एमएसपी 2350 रूपये प्रति क्विंटल हिसाब से खरीदेगी या भावांतर योजना में डालेगी, इस पर भ्रम की स्थिति क्यों है? विद्रोही

03 अक्टूबर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि बाजरे की न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू करने के दावे के बावजूद दक्षिणी हरियाणा में किसी भी मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद सूचारू रूप से शुरू नही हुई है। विद्रोही ने कहा कि एक अक्टूबर से सूचारू रूप से बाजरे की एमएसपी पर सरकारी खरीद की व्यवस्था न करना भाजपा खट्टर सरकार की बदनियती का साफ प्रमाण है। भाजपा सरकार 2350 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रदेश में 1.6 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदने की बात तो कर रही है, पर यह खरीद एमएसपी पर होगी या भावांतरण योजना के तहत होगी, इस पर मंडियों में भ्रम की स्थिति है। बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 रूपये प्रति क्विंटल होने पर भी मंडियों में बाजरे का भाव 1800 से 1900 रूपये मिल रहा है जो बडी चिंता का विषय है। 

विद्रोही ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री खट्टर किसान के बाजरे का एक-एक दाना 2350 रूपये प्रति क्विंटल एसएसपी पर खरीदने का सार्वजनिक दमगज्जा ठोककर किसानों को ठग रहे है, वहीं सरकारी अधिकारी बाजरे को मोटे अनाज के रूप में हरियाणा से 1.6 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य बता रहे है। सवाल उठता है कि जब सरकार 1.6 लाख मीट्रिक टन बाजरा ही खरीदेगी तो बाजरे का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदने का मुख्यमंत्री दमगज्जा मारकर किसानों को क्यों ठग रहे है? वहीं भाजपा सरकार यह भी बताये कि बाजरे की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से मंडियों में खरीदने की घोषणा के बाद भी दक्षिणी हरियाणा में बाजरे की सरकरी खरीद की सूचारू व्यवस्था क्यों नही की? वहीं विद्रोही ने पूछा कि बाजरा सरकार किसानों से सीधे एमएसपी 2350 रूपये प्रति क्विंटल हिसाब से खरीदेगी या भावांतर योजना में डालेगी, इस पर भ्रम की स्थिति क्यों है?

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