चण्डीगढ, 2अक्तूबर:- हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा, वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान सुरेश लाठर, महासचिव संजय गुलाटी, उप-महासचिव विमल शर्मा ग्योंग, कैशियर अशोक कुमार, आडिटर चन्द्रभान सोलंकी,चेयरमैन गुरदीप सिंह, कानूनी सलाहकार गगनदीप सिंह ढिल्लो,प्रैस सचिव अनील कुमार व पवन संहारण ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए मांग की है कि रोङवेज में हर रोज हो रहे हादसों को रुकवाने के लिए किलोमीटर स्कीम बस चालकों का मैडिकल फिटनेस टैस्ट करवाने की बजाय ड्राइविंग टैस्ट लेना व प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करे सरकार ताकि होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। क्योंकि आमतौर पर किलोमीटर स्कीम बसों पर चलने वाले चालक नौसिखिए व अनट्रैंड होते हैं जिसके कारण तकरीबन हर रोज होने वाले दुर्घटनाओं में लगातार ईजाफा हो रहा है। लगातार हो रहे हादसों से जहां परिवहन विभाग को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पङ रहा हैं वहीं विभाग की बदनामी भी हो रही है।

दोदवा ने बताया कि परिवहन विभाग में चालकों की भर्ती करते समय ड्राइविंग लाइसेंस की वेरिफिकेशन के साथ डग टैस्ट, रोङ टैस्ट व अनुभव आदि सभी प्रक्रियाओं को पुरी करने के बाद चालक का चयन किया किया जाता है। इसके बाद भी चयनित चालक को चालक प्रशिक्षण देकर मार्ग पर भेजा जाता है,लेकिन किलोमीटर स्कीम बसों पर चलने वाले चालकों को बगैर किसी वेरिफिकेशन के बस लेकर रूट पर भेज दिया जाता है। निजि संचालक कम से कम सैलरी लेने वाले अनट्रैंड व नौसिखिए चालकों को पकङ कर बस पर भेज देते हैं जो अस्थाई होते हैं यानि हर रोज नया चालक होता है।नौसिखिए व अनट्रैंड चालक होने के कारण हर रोज होने वाले तकरीबन हादसे किलोमीटर स्कीम बसों से हो रहे हैं,जिसके कारण भारी आर्थिक नुकसान के साथ-साथ विभाग की बदनामी भी हो रही है। स्कीम बसों पर चलने वाले चालकों की विभाग व सरकार के प्रति कोई जवाबदेही भी नहीं है। उन्होंन बताया कि सरकार व परिवहन अधिकारियों ने भी अब माना है कि किलोमीटर स्कीम बसों से होने वाली दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है।

दोदवा ने बताया कि युनियनें शुरू से ही इस पॉलिसी का विरोध करते हुए इसे निरस्त करने की मांग कर रही है लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। आज यात्री किसी भी तरह से किलोमीटर स्कीम बसों में सुरक्षित नहीं हैं। सरकार ने आज तक निजि संचालको के लिए कोई मापदंड निर्धारित नहीं किये हैं,अगर किये हैं तो कोई भी निजि संचालक उसका पालन नहीं कर रहा। इसलिए सरकार से अपील है निजि संचालको के लिए मापदंड निर्धारित करके उनको सख्ती के साथ लागू करवाने का काम करे ताकि संचालको द्वारा बरती जा रही अनियमताओं पर रोक लगाई जा सके तथा होने वाले जानमाल के नुकसान को रोका जा सके।

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