किसानों को नष्ट खरीफ फसलों का समुचित मुआवजा न मिले, इसके लिए जान-बूझकर खेतों में जाकर नष्ट फसलों की विशेष गिरदावरी करने से सरकार व प्रशासन भाग रहा है। विद्रोही विशेष गिरदावरी यदि दो दिन के अंदर नही हुई तो किसान अपनी सारी फसल को समेटकर सरसों फसल की बिजाई के लिए खेतों को तैयार कर देगा और उसके बाद गिरदावरी करना बेमानी हो जायेगा। विद्रोही 01 अक्टूबर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल में फंसाकर भाजपा सरकार किसानों को भारी वर्षा व जलभराव से नष्ट फसलों का पूरा मुआवजा न देना पड़े, इसकी तिडकमे भिडा रही है। विद्रोही ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा में बाजरे की फसल लगभग कट चुकी है और इस क्षेत्र में किसानों के मेरी फसल मेरा ब्यौरा पार्टल पर भारी वर्षा व जलभराव से अपनी खरीफ फसलों का विवरण अपलोड करने पर भी जमीन पर अभी तक नष्ट फसलों की विशेष गिरदावरी नही हो रही है। जब राजस्व विभाग के कर्मचारी समय पर किसानों के खेतों में नष्ट फसलों का जायजा नही लेंगे तो सरकार को नष्ट फसलों की जानकारी कैसे मिलेगी और सरकार किसानों को मुआवजा देने की अपनी जवाबदेही से बडी चालाकी से भाग जायेगी। भाजपा सरकार अच्छी तरह से जानती है कि दक्षिणी हरियाणा में सरसों की बिजाई 15 अक्टूबर के बाद शुरू हो जायेगी और किसान अपने खेतों से बाजरे व खरीफ फसलों को जल्दी से जल्दी समेटकर खेतों को खाली करके सरसों की बिलाई के लिए खेतों को तैयार करने में जुट जायेगा। विद्रोही ने सवाल किया कि जब अभी तक राजस्व विभाग के कर्मचारी खेतों में जाकर नष्ट खरीफ फसलों का जायजा लेने ही नही पहुंचे तो किसान को मुआवजा कैसे मिलेगा? भाजपा सरकार अहीरवाल के साथ विकास सहित हर मामले में भेदभाव करती है। यहां के किसानों को नष्ट खरीफ फसलों का समुचित मुआवजा न मिले, इसके लिए जान-बूझकर खेतों में जाकर नष्ट फसलों की विशेष गिरदावरी करने से सरकार व प्रशासन भाग रहा है। भाजपा सरकार के अहीरवाल के प्रति भेदभावपूर्ण व सौतले व्यवहार के कारण ही यहां के किसानों को वर्ष 2021 में नष्ट खरीफ फसलों का मुआवजा भी नही मिला और जिन मुठ्ठीभर किसानों को मुआवजा पाने का पात्र भी माना गया, उन्हे आज तक मुआवजा राशि प्रदान नही की गई। विद्रोही ने भाजपा सरकार से आग्रह किया कि वह अहीरवाल दक्षिणी हरियाणा से सौतेला व्यवहार करने से बाज से आये और इस क्षेत्र की नष्ट फसलों की विशेष गिरदावरी यदि दो दिन के अंदर नही हुई तो किसान अपनी सारी फसल को समेटकर सरसों फसल की बिजाई के लिए खेतों को तैयार कर देगा और उसके बाद गिरदावरी करना बेमानी हो जायेगा। Post navigation हरियाणा के मान को हमेशा बढ़ाया पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र ने, सैनिकों को सम्मान मोदी सरकार ने दिया- राव इंद्रजीत सरकारी दावे के बावजूद किसी भी मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद सूचारू रूप से शुरू नही : विद्रोही