चंडीगढ़, 23 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के सिखों की भावनाओं का ख्याल रखते प्रदेश के लिए अलग से शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के गठन के हक में जो निर्णय सुनाया है, वह राज्य के सिखों की वैचारिक फतेह है।

वे आज यहां हरियाणा निवास में प्रदेशभर के मुख्य गुरूद्वारों से आए प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। ये सभी सिख प्रतिनिधि मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करने आए हुए थे। इस अवसर पर करनाल लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री संजय भाटिया, ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सिखों की भावनाओं की कद्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा में अलग से शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के गठन के केस की अच्छे से पैरवी की। उन्होंने कहा कि जब पटना साहिब व दिल्ली राज्य की अलग से शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी बन सकती हंै तो हरियाणा की क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के गुरूद्वारों का भी इतिहास रहा है, हमारे कई सिख गुरू इन ऐतिहासिक गुरूद्वारों में कभी न कभी अवश्य आएं हैं और समाज को जागरूक किया है।

उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है पूरा सिख समाज एकता व भाईचारे की भावना से एकजुट होकर चलेगा और समाज हित में बेहतरीन कार्य करेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार की ओर से सिख समाज को उनकी उम्मीद के अनुसार पूरा सहयोग मिलेगा, सभी मिलकर समाज का भला करेंगे।

इस अवसर पर शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार जगदीश झिंडा, सरदार भूपेंद्र सिंह, बाबा सुखदेव, संत बाबा गुरमीत सिंह, हरपाल सिंह, रणवीर सिंह, हरप्रीत सिंह नरूला, जरनैल सिंह, जगदेव सिंह गाबा के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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