दुखद पहलू यह है कि अपने एक बेटे की जहर खाने से हुई मौत व दूसरे के अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूलने से हताश पिता सुभाष ने मृतक बेटे का दाह-संस्कार करके फांसी लगाकर अपनी भी जीवन लीला समाप्त कर ली : विद्रोही
यदि सरकार ने महंगाई, बेरोजगारी व आर्थिक बदहाली के खिलाफ ठोस कदम नही उठाये तो मौत को गले लगाने की घटनाएं और बढेगी : विद्रोही

22 सितम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने रेवाडी जिले के राजगढ़ गांव में एक परिवार द्वारा आर्थिक तंगी के कारण जहर खाकर व फांसी का फंदा लगाकर अपने को मौत के आगोश में समाने की हदय विदारक दुखद घटना पर गहरी चिंता व क्षोभ प्रकट किया। विद्रोही ने कहा कि मंगलवार को गांव राजगढ़ की ढाणी में आर्थिक तंगी से हताश होकर दो भाईयों ने 13 वर्षिय जतिन राजपूत व 23 वर्षिक कमल ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया जिससे 13 वर्षिय जतिन की मौत हो गई और 23 वर्षिय कमल अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है। दोनो भाईयों ने जहर खाने से पहले गांव की एक पानी की टंकी पर गीली मिट्टी से लिखा कि हम शहीद हो रहे है। उक्त परिवार आर्थिक बदहाली के दौर से गुजरने के कारण गहरे विषाद में था। परिवार की आय का साधन उनकी मां थी जो गांव के ही स्कूल में मिड-डे मिल वर्कर है। 

विद्रोही ने कहा कि सबसे दुखद पहलू यह है कि अपने एक बेटे की जहर खाने से हुई मौत व दूसरे के अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूलने से हताश पिता सुभाष ने मृतक बेटे का दाह-संस्कार करके फांसी लगाकर अपनी भी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस तरह आर्थिक तंगी ने एक पूरे परिवार को उजाड़ दिया जो बहुत ही दुखद व चिंताजनक स्थिति हैै। भाजपा-संघी सरकार सुहानी अर्थव्यवस्था व लोगों की आर्थिक हालत अच्छी होने के लाख झूठे दावे कर ले पर कटु सत्य यही है कि आमजन की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है। बेहताशा बढती महंगाई व बेरोजगारी ने आमजन का जीना दूभर कर दिया है जिससे देशभर में आमजन मौत को गले लगाने को मजबूर हो रहे है। एनसीआर के आंकड़े बताते है कि मोदी-भाजपा राज में देशभर में आर्थिक तंगी व बदहाली के चलते मौत को गले लगाने वाले किसान व मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

विद्रोही ने कहा कि रेवाडी जिले के राजगढ़ गांव की ढाणी में हुई दुखद घटना भी उसी आर्थिक बदहाली का दुष्परिणाम है। भाजपा सरकार आर्थिक, महंगाई का समाधान तो तब करेगी जब वह स्वीकारे कि देश का आमजन आर्थिक संकट में है। लेकिन भाजपा सरकार सत्ता अहंकार की आत्ममुग्धा में आर्थिक बदहाली व बेरोजगारी के कटु सत्य को भी स्वीकारने को तैयार नही है। विद्रोही ने कहा कि यदि सरकार ने महंगाई, बेरोजगारी व आर्थिक बदहाली के खिलाफ ठोस कदम नही उठाये तो मौत को गले लगाने की ऐसी घटनाएं और बढेगी। विद्रोही ने इस संकट की घडी में राजगढ़ ढाणी के इस परिवार के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से आग्रह किया कि बचे हुए परिवार को आर्थिक बदहाली के कारण उपजी हताशा से निकालकर इस परिवार की विशेष आर्थिक सहायता व रोजगार की व्यवस्था करे। 

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