एक आइडिया कारोबार स्थापित करने के लिए दिला सकता है 25 लाख रू. की ग्रांट: कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज हिसार: 20 सितम्बर – अगर आपके पास कोई बिजनेस करने का नया तरीका या आइडिया है, तो यह आइडिया आपको चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में नाबार्ड व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से स्थापित एग्रीबिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर (एबिक) के माध्यम से 5 से 25 लाख रूपये की अनुदान राशि दिला सकता है। यह अनुदान राशि एक प्रक्रिया के तहत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दी जाएगी। इसके लिए आपको सिर्फ चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय व एबिक की वेबसाइट www.hau.ac.in and www.abichauhisar.com पर 17 अक्तूबर, 2022 तक ऑनलाइन आवेदन करना है।इनोवेटिव आइडिया को मिल सकती है 25 लाख तक की ग्रांट चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एवं एबिक के अध्यक्ष प्रो. बी.आर. काम्बोज के अनुसार इस सेंटर के माध्यम से युवा, किसान व उद्यमी मार्केटिंग, नेटवर्किंग, लाईसेंसिंग, ट्रैडमार्क व पेटेंट, तकनीकी व फंडिग से संबंधित प्रशिक्षण लेकर कृषि क्षेत्र में अपने स्टार्टअप को नया आयाम दे सकते हैं। इसके लिए ‘पहल’ व ‘सफल’-2022 नाम से दो प्रोग्राम शुरू किए गए हैं, जिसमें ‘पहल’ प्रोग्राम में 5 लाख रूपये जबकि ‘सफल’ प्रोग्राम में 25 लाख रूपये की अनुदान राशि का प्रावधान है। उन्होंने बताया पिछले 3 सालों में 44 स्टार्टअपस को केन्द्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा 5 करोड़ 18 लाख की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। कुलपति ने उक्त कार्यक्रमों से संबंधित विवरण पुस्तिका का विमोचन किया। अनुदान राशि व प्रशिक्षण के लिए ये होगी चयन प्रक्रियाआवेदक को अपने आइडिया का प्रपोजल ऑनलाइन निवेदन करना है। इसके बाद उस आइडिया का इंक्युबेशन कमेटी तथा यूनिवर्सिटी की आरआईसी कमेटी द्वारा दो महीने के प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाएगा। इसके अलावा प्रशिक्षण के बाद दोबारा यही कमेटी आवेदक के आइडिया को प्रस्तुत करवाएगी और चयनित आवेदक के नाम के प्रस्ताव को अनुदान राशि के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के पास भेजा जाएगा। नौकरी खोजने की बजाय बन सकते हैं नौकरी देने वालेकुलपति ने कहा युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक सुनहारा अवसर है। एबिक सेंटर से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा नौकरी खोजने की बजाय नौकरी देने वाले बन सकते हैं। इस सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप्स देश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे इसके साथ ही युवा, किसान व उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकजिंग व ब्रांडिग करके व्यापार की अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं। ये दोनों कार्यक्रम उनको आत्मनिर्भर बनाने में काफी मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा इस सेंटर से अब तक जुड़े युवा उद्यमी व किसानों ने ना केवल अपना कंपनी का टर्न ओवर करोड़ो रूपए तक पहुंचाया है अपितु उन्होंने दूसरे लोगो को रोजगार भी प्रदान किया है। Post navigation भाषा राष्ट्र की एकता, अखंडता और विचारों के विकास के लिए महत्वपूर्ण: प्रो. बी.आर. काम्बोज श्रीमद्भागवत गीता में है वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश : डॉ कमल गुप्ता