शामलात जमीन को पट्टे पर देने के लिए 22 को होने वाली खुली बोली के विरोध का किया ऐलान

चरखी दादरी जयवीर फौगाट,

18 सितंबर, बाढड़ा उपमंडल के गांव कारीमोद में मुश्तनका मालकान की कब्जामुक्त जमीन को पट्‌टे पर देने के लिए प्रशासन द्वारा बोली लगवाई जाएगी। जिसको लेकर ग्रामीणों में खासा रोष देखने को मिल रहा है। बोली के विरोध में ग्रामीणों ने गांव के बस अड्‌डे पर धरना शुरू कर दिया। जहां युवाओं ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया।

उल्लेखनीय है कि जुलाई माह में भू-राजस्व विभाग की टीम द्वारा कोर्ट के आदेश पर गांव कारीमोद में शामलात मुश्तरका मालकान की जमीन पर कार्रवाई करते हुए 751 कैनाल 16 मरला जमीन को कब्जा मुक्त करवाया था। उस जमीन को पट्टे पर देने के लिए 22 सितंबर को खुली बोली लगाई जानी है। जिसका ग्रामीणों ने विरोध शुरू करते हुए दिन-रात का धरना शुरू कर दिया है। धरने पर मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि आजादी से पहले से यह जमीन उनके पूर्वजों के पास थी और वे इस जमीन का माल भरते आ रहे है। लेकिन सरकार अब कोर्ट आदेश का हवाला देकर उनकी जमीन को छिनने का प्रयास कर रही है। लेकिन वे किसी भी सूरत में भी अपनी जमीन को जाने नहीं देंगे। धरनारत लोगों ने कहा कि वे 22 सितंबर को होने वाली जमीन की बोली का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही किसान संगठनों की मदद लेकर वे आगामी रणनीति तैयार करेंगे। धरनास्थल पर नवीन कुमार, संदीप जय किसान, होशियार सिंह, मनोज, सतीश, प्रवेश आदि मौजूद थे।

आमना-सामना करने को तैयार:

धरने की अगुवाई कर रहे नवीन कारी मोदी ने कहा कि उनके पूर्वजों का  1861 से इस जमीन पर मालिकाना हक है। अंग्रेज हुकुमत को भी उनके पूर्वजों ने जमीन का टैक्स दिया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार या पंचायत के पास उसके मालिकाना हक के दस्तावेज हैं तो वे पेश करें। नवीन ने कहा कि वे सरकार व प्रशासन का आमना-सामना करने के लिए तैयार हैं और इसके लिए दूसरें किसानों की भी मदद ली जाएगी। लेकिन किसी भी कीमत पर जमीन को जबरदस्ती नहीं छिनने दिया जाएगा।

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