किसानों ने किया महापंचायत का आयोजन, बड़ी संख्या में शामिल हुए किसान नेता
22 सितम्बर को होगी किसानों और एचएसआईआईडीसी के प्रतिनिधियों की बैठक
नहीं मानी मांगें तो फिर से 9 अक्तूबर को किया जाएगा महापंचायत का आयोजन,
करेंगे सडक़ जाम

गुरुग्राम। जिले के मानेसर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव कासन, सहरावन, कुकडोला, फजलवास, पूखरपुर, मोकलवास, खरखड़ी, बासलांबी की 1810 एकड़ व 1128 एकड़ भूमि अधिग्रहण मामले में रविवार को जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी द्वारा ने जिले के गांव पंचगांव चौक पर विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत की अध्यक्षता धर्मसिंह नंबरदार बादशाहपुर ने की।

महापंचायत में किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी, सांसद सुशील गुप्ता, नवीन जय हिंद, पंकज डावर, रवि आजाद बीकेयू, पवन चौधरी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। कमेटी के अध्यक्ष पूर्व सरपंच रोहताश यादव, उपाध्यक्ष सत्यदेव शर्मा व भूपेंद्र उर्फ बंटी ने बताया कि महापंचायत को देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से एडीसी मौके पर पहुंचे और किसानों को निमंत्रण दिया कि 22 सितम्बर को एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में बैठक कराई जाएगी, जिसमें किसान अपना पक्ष रखें। महापंचायत में शामिल किसानों ने निर्णय लिया कि वे चंडीगढ़ न जाकर 22 सितम्बर को गुडग़ांव में ही अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। यदि उनकी मांगें फिर भी नहीं मानी जाती हैं तो वे 9 अक्तूबर को पचगांव चौक पर फिर से महापंचायत का आयोजन करेंगे तथा सडक़ जाम की जाएगी और अपनी मांगों को मजबूती के साथ उठाएंगे।

महापंचायत में शामिल किसान नेताओं ने प्रदेश सरकार की किसानों के प्रति नकारात्मक रवैय्ये से खफ होकर कहा कि प्रदेश सरकार अपने आपको किसान हितैषी बताती है, लेकिन मानेसर क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ जो अन्याय किया जा रहा है, इससे प्रतीत होता है कि सरकार पूरी तरह से किसानों का सुरक्षित नहीं रख रही है। जब किसान अपनी जमीनों को नहीं बेचना चाहते तो फिर सरकार क्यों उन पर जबरदस्ती दबाव बना रही है। किसान पूरे देश का पेट पालने का काम करते हैं और उनके हकों को दबाना चाहती है। यदि सरकार अपनी किसान विरोधी नीतियों से पीछे नहीं हटती है तो फिर किसान भी अपनी मांगों पर अडिग़ हैं। किसानों को सरकार कमजोर न समझे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी किसानों के आगे अपनी हार माननी पड़ी थी और तीनों काले कानून वापिस लिए गए। प्रदेश सरकार को भी अपनी नीति वापिस लेनी ही पड़ेगी। पूरे देश के किसान एकजुट हैं।

कमेटी के अध्यक्ष पूर्व सरपंच रोहताश यादव, उपाध्यक्ष सत्यदेव शर्मा व भूपेंद्र उर्फ बंटी ने कहा कि किसान कमेटी के प्रतिनिधि कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक व संबंधित विभागों के अधिकारियों से गुहार लगा कर 1810 एकड़ जमीन कासन, सहरावन, कुकडोला, फजलवास, पूखरपुर, मोकलवास, खरखड़ी, बासलांबी की 1128 एकड़ जमीन अधिग्रहण का मामला उनके समक्ष उठा चुके हैं। किसानों को धरने पर बैठे हुए करीब 3 माह होने जा रहा है, लेकिन सरकार अभी तक किसानों के प्रति दया भाव नहीं दिखा रही है। उन्होंने कहा कि उक्त गांवों के किसान अपनी भूमि किसी भी हालत पर सरकार को नहीं देंगे। जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा। सरकार का काम लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराना, रोजगार देना और उन्हें बसाना होता है, उजाडऩा नहीं। सरकार हठधर्मिता का त्याग कर किसानों की आवाज को सुने और बिना किसानों की मर्जी के भूमि अधिग्रहण न करे।

इस अवसर पर विजय यादव नंबरदार प्रधान 12 वजीरपुर, सुनील गुलिया 84 गुलिया खाप, मोनिका  शर्मा फरीदपुर, राजबाला सिलोखरा, मुकेश चौधरी, नरेश यादव विधायक, मुकेश डागर, श्रीपाल जाटौली, सतबीर पहलवान सोहना, राकेश यादव हयातपुर, डा. इंद्रजीत यादव हयातपुर, चरण सिंह हयातपुर, शशि यादव पातली, राजीव यादव जय किसान आंदोलन दिल्ली, जितेंद्र बरवाना नंबरदार, जितेंद्र यादव 12 वाल दिल्ली, ओमप्रकाश यादव शिकोहपुर, लखन सरपंच शिकोहपुर,
सुंदरलाल सरपंच शिकोहपुर, लक्ष्मण सिंह सरपंच नखडौला, रवि यादव सिकंदरपुर समाजसेवी, गजराज यादव, रवि यादव, पूर्व विधायक रामवीर चौधरी, पवन नेहरा, मान सिंह, विजयपाल, राजबाला, श्रीपाल चौहान, सुमन हुड्डा, सिकंदर सरपंच,
प्रेम यादव, बंटी नंबरदार, विजय यादव, राजवीर सरपंच, राजपाल यादव, मनोज यादव, विजय नंबरदार, धर्म सिंह चौहान, राजेश चौहान, सूबे सिंह बोहरा, प्रदीप जैलदार, हिम्मत यादव, रवि आजाद, अबरार, मुबारिक अटेरना, अजय सरपंच, चरण सिंह यादव, श्योचंद सरपंच, अनिल पंवार आदि मौजूद रहे।