माजरा एम्स निर्माण : घोषणा को हो चुके 7 वर्ष ढाई माह ….. नही पता कब होगा शिलान्यास ! विद्रोही

किसानों ने कोडियों के भाव अपनी बहुमूल्य जमीन एम्स के लिए दी, फिर भी सरकार अभी तक एम्स शिलान्यास का रास्ता साफ क्यों नही कर पाई ? विद्रोही
एम्स निर्माण में आ रही अडचनों को एक निश्चित समय अवधि में पूरा करे अन्यथा अहीरवाल की जनता फिर से सडकों पर उतरेगी ! विद्रोही

17 सितम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से सार्वजनिक सवाल किया कि वे अहीरवाल के लोगों को बताये कि मनेठी-माजरा एम्स का निर्माण कार्य किस तिथि से प्रारंभ होगा, वहीं इस प्रोजेक्ट को शुरू करने में अब कौनसी कठिनाईया सामने आ रही है जिसके चलते एम्स का शिलान्यास नही हो पा रहा है? विद्रोही ने कहा कि मनेठी-माजरा में एम्स बनाने की घोषणा को 7 वर्ष ढाई माह हो चुके है, लेकिन अभी तक यह नही पता कि माजरा में एम्स का शिलान्यास कब तक होगा। हरियाणा भाजपा खटटर सरकार की तय शर्तो के अनुसार माजरा के किसानों ने कोडियों के भाव अपनी बहुमूल्य जमीन एम्स के लिए दी, फिर भी सरकार अभी तक एम्स शिलान्यास का रास्ता साफ क्यों नही कर पाई है, यह समझ से परे है। लाख टके का सवाल यह है कि माजरा एम्स निर्माण के प्रति भाजपा खट्टर सरकार हर अड़चन का समाधान तीव्रता से करने की बजाय कछुआ गति से क्यों कर रही है? 

विद्रोही ने पूछा कि भाजपा सरकार माजरा एम्स निर्माण में आ रही पेचिदगियों को लोगों को क्यों नही बताती? एम्स शिलान्यास से पूर्व की जाने वाली कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने खातिर सरकार व प्रशासन बिन्दूवाईज चार्ट बनाकर हर बिन्दू की जिम्मेदारी एक-एक वरिष्ठ अधिकारी को देकर उसको एक निश्चित अवधि में अनिवार्य रूप से पूरा करने के लिए कलैंडर क्यों नही बनाती? जब अहीरवाल के लोग एम्स निर्माण न होने पर रोष जताते है, तभी भाजपा सरकार व उसका प्रशासन क्यों जागता है और फिर कुंभकरणी नींद क्यों सो जाता है? आमजनों को एम्स शिलान्यास में आ रही अडचनों को दूर करने खातिर कुंभकरणी नींद सोये प्रशासन को बार-बार जगाना क्यों पड़ता है? विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर 5 जुलाई 2015 की मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा के तुरन्त बाद से ही इस योजना से पल्ला कैसे झाडा जाये, इसकी तिकडमें भिड़ाते रहे है। लेकिन जब आमजनों ने सडकों पर उतरकर आंदोलन करके खट्टर जी को इस प्रोजेक्ट से पल्ला नही झाडऩे दिया तो खट्टर सरकार ने एम्स निर्माण को मजबूर तो हुई, पर हर कार्य आधे-अधूरे मन से कछुआ गति से करने की सोच नही बदली जो बताता है कि जनदबाव में मजबूरी में माजरा में एम्स तो बनाना पड़ रहा है, लेकिन खट्टर जी का एम्स के प्रति पूर्वाग्रह ज्यों का त्यों कायम है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को चेतावनी दी कि क्या तो वे अपनी सोच बदलकर तीव्रता से एम्स निर्माण में आ रही अडचनों को एक निश्चित समय अवधि में पूरा करे अन्यथा अहीरवाल की जनता मजबूर होकर फिर से सडकों पर उतरेगी। ऐसे हालत न बने, इसके लिए आवश्यक है कि खट्टर जी तत्काल शिलान्यास की तारीख घोषित करे। 

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