सतत और समावेशी हरियाणा 2047 लक्ष्य की ओर बढें 
सतत विकास लक्ष्य को लेकर जिला स्तरीय इंडेक्स तैयार करने वाला पहला राज्य

चंडीगढ़, 14 सितंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि नीति आयोग के निर्देशानुसार सभी विभाग रैकिंग में सुधार करने के लिए पैरामिटर अनुसार कार्य करे ताकि सतत विकास लक्ष्य हरियाणा 2030 को हासिल कर सतत और समावेशी हरियाणा 2047 के लक्ष्य की ओर बढा जा सकें। मुख्यमंत्री आज यहां सतत विकास को लेकर आयोजित अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे जिसमें 16 विभागों के मुख्य बिन्दुओं पर फोकस किया गया। 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जो विभाग सतत विकास लक्ष्य हरियाणा 2030 की रैंकिंग एवं पैरामीटर में कमजोर हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए और बिन्दुवार कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों के साथ हर जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की भी तैनाती की जाए जो हर माह बैठकें आयोजित कर सतत विकास के लक्ष्य को लेकर समीक्षा करें और उसकी रिपोर्ट तय समय में सरकार को भेजी जाए। 

सतत विकास को लेकर जिला स्तर पर इंडेक्स तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिला स्तर पर इंडेक्स तैयार की है। इसमें सभी जिलों की परफॉर्मेंस के आधार पर आकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही अलग अलग हैड बनाकर बजट का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य 2030 के इंडेक्स में हरियाणा 57 से बढ़कर 67 प्रतिशत तक पहुंच गया है और रैंकिंग में भी आगे बढ़ रहा है। 

17 मुख्य बिन्दुओं पर बेहतर कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य हरियाणा 2030 को हासिल करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव के स्तर पर समूहों में कार्य किया जा रहा है। गरीबी, स्वास्थ्य, गुणवत्ता युक्त शिक्षा, लैगिंग समानता, स्वच्छ जल एवं स्वच्छता, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, बेहतर काम और आर्थिक विकास, उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा, असमानता कम करना, सतत शहर एवं समुदाय, सतत उत्पाद एवं खपत, पर्यावरण कार्य, भूमि पर जीवन, शांति, न्याय एवं मजबूत संस्थान सहित 17 मुख्य बिन्दुओं पर बेहतर कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि विजन 2030 के तहत सरकार, सोसायटी एवं प्राइवेट सेक्टर को साथ लेकर कार्य करेगी ताकि सतत विकास लक्ष्य हरियाणा 2047 का लक्ष्य हासिल करने में कोई दिक्कत न आए।  

जन्म से पांच वर्ष आयु के सभी बच्चों को स्कूली शिक्षा सुनिश्चित
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए परिवार पहचान पत्र से प्राप्त डाटा अनुसार 5 आयु ग्रुप में बांटकर प्रारम्भिक शिक्षा को शत प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए बेहतर योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि जन्म से 5 वर्ष आयु ग्रुप में स्कूली शिक्षा प्रदान करने के लिए हर बच्चे तक पहुंच बनाई जा रही है। यदि कोई बच्चा स्कूली शिक्षा से बाहर रह गया है तो उनके अभिभावक से तालमेल कर उसे शिक्षित करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा वाणिज्य एवं उद्योग में इज आफ डुईंग बिजनेस में अव्वल रहे हैं तथा पर्यावरण के क्षेत्र में और सुधार करने के लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है।  

इस अवसर पर सतत विकास लक्ष्य हरियाणा 2030 एवं सतत और समावेशी हरियाणा 2047  को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी गई । इसमें विस्तार से अवगत करवाया गया कि अब तक प्रदेश में विभागों ने क्या प्राप्त कर लिया है और विजन 2047 अनुसार क्या प्राप्त करना है तथा इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए किस प्रकार के संसाधनों की आवश्यकता है।  

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन श्री वी एस कुण्डु, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री टी वी एस एन प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा डा. महावीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि विभाग श्रीमती सुमिता मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण श्री अंकुर गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित एवं योजना श्री अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वाणिज्य एवं कॉमर्स श्री आनन्द मोहन शरण, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रम विभाग श्री राजा शेखर वुन्द्रु, अतिरिक्त मुख्य सचिव विज्ञान एवं तकनीकी श्री अशोक खेमका, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं वन्य जीव श्री विनित गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव हाउसिंग फॉर आल श्री अनिल मलिक, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती जी अनुपमा, अतिरिक्त मुख्य सचिव जनस्वास्थ्य श्री ए के सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर,  प्रधान सचिव उच्चतर शिक्षा श्री विजेन्द्र कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। 

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