बाजरे की आवक काफी तादाद में शुरू, सरकार तत्काल बाजरे की एमएसपी पर खरीद शुरू करे : विद्रोही

वास्तव में किसान हितैषी है तो किसानों के बाजरे की एमएसपी पर खरीद की जाये न कि भावांतर योजना के नाम पर बाजरा उत्पादक किसान को ठगा जाये। विद्रोही
विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से आग्रह किया कि वे किसानों को ठगने व भावांतर योजना के भ्रमजाल में फंसाने की बजाय 2250 रूपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर तत्काल बाजरे की खरीद शुरू की जाये।

13 सितम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा-जजपा सरकार से मांग की कि दक्षिणी हरियाणा में तत्काल बाजरे की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से शुरू करे। विद्रोही ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा की मंडियों में किसानों के बाजरे की आवक काफी तादाद में शुरू हो चुकी है और व्यापारी किसानों से 1800 से 1900 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बाजरा खरीद रहे है जिसके चलते किसानों को घोषित न्यूतम समर्थन मूल्य से 300 से 350 रूपये प्रति क्विंटल कम भाव मिल रहा है। यदि सरकार ने तत्काल बाजरे की एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू नही की तो मंडियों में बाजरे की आवक बढऩे से बाजरा लुढ़कर 1800 रूपये प्रति क्विंटल तक चला जायेगा। मोदी-भाजपा सरकार पहले ही एमएसपी गणना आंकडों में हेराफेरी करके किसानों को खरीद फसल के बाजरे सहित सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से कहीं कम देकर किसान को घाटे की खेती करने को मजबूर करके उस पर कृषि कर्ज बोझ बढ़ा रही है। 

विद्रोही ने कहा कि वर्ष 2014 से ही मोदी-भाजपा सरकार किसान आय दोगुना करने का झांसा देती आ रही है और झूठ बोलकर किसान आय डेढ से दोगुना करने का जुमला उछालकर किसानों को ठग रही है जबकि जमीनी धरातल की वास्तविकता यह है कि किसान आय वर्ष 2014 से क्या तो जस की तस है या फिर उसमें मामूली बढोतरी हुई है। इसका मूल कारण कृषि लागत का बढऩा है और सरकार द्वारा घोषित एमएसपी किसानों को नही मिलना। पिछले साल भी हरियाणा सरकार ने एमएसपी पर बाजरा न खरीदकर भावांतर को खरीद व्यवस्था में डालकर किसान बाजरा औनपौने दामों में लूटा, पर कथित भावांतर योजना का लाभ किसानों को नही मिला। विद्रोही ने कहा कि यही स्थिति इस वर्ष है जबकि बाजरा एमएसपी पर खरीदा नही जा रहा और किसान को लूटकर उस पर कर्ज बोझ बढाया जा रहा है। यदि भाजपा खट्टर सरकार वास्तव में किसान हितैषी है तो किसानों के बाजरे की एमएसपी पर खरीद की जाये न कि भावांतर योजना के नाम पर बाजरा उत्पादक किसान को ठगा जाये। विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर भाजपा समर्थित कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हे किसान संगठनों से मिलना बताकर भ्रम फैलाते है जबकि वास्तविक किसान व जमीन पर किसान संगठन बनाकर उनकी लडाई लडने वाले किसान नेताओं से मिलना तो दूर, उन पर सत्ता दुरूपयोग से पुलिस दमन करवाते है। विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से आग्रह किया कि वे किसानों को ठगने व भावांतर योजना के भ्रमजाल में फंसाने की बजाय 2250 रूपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर तत्काल बाजरे की खरीद शुरू की जाये। 

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