मुख्यमंत्री खट्टर सरकार के दावे स्वयं सरकार द्वारा दी गई आरटीआई से मेल नही खाते : विद्रोही

जो सरकार शिक्षा ढांचे की सच्चाई छिपाने में लगी हो, वह मर्ज का ईलाज क्या खाक करेगी? विद्रोही
प्रदेश में स्वीकृत पदों में से लगभग 40 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली है तो शिक्षा व्यवस्था का भट्टा तो बैठेगा ही : विद्रोही
जब सरकार को यह तक नही पता कि किन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का तबादला करना है और कहां नही तो यह बताता है कि हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था रामभरोसे है : विद्रोही

15 सितम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि प्रदेश में रेशनलाईजेशन के नाम से सरकारी स्कूलों में भाजपा-जजपा खट्टर सरकार की तबादला नीति एक तुगलकी फैसला साबित हुआ जो हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था व स्कूली छात्रों के साथ क्रूर मजाक है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार की रेशनलाईजेशन के नाम पर सरकारी अध्यापकों के किये गए तबादलों के बाद प्रदेश में लगभग 2200 सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी हो गई। कई स्कूलों तो ऐसे है जहां एक भी शिक्षक नही है। वहीं 500 के करीब विद्यालयों में आवश्यकता से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्तियां की गई है। जब सरकार को यह तक नही पता कि किन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का तबादला करना है और कहां नही तो यह बताता है कि हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था रामभरोसे है। भाजपा खट्टर सरकार मीडिया में बयान बहादुर बनकर बड़े-बड़े दावे तो करती है, पर उसके दावे स्वयं सरकार द्वारा दी गई आरटीआई से मेल नही खाते।

विद्रोही ने सवाल किया कि जब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1.2़6 लाख शिक्षकों के स्वीकृत पद है तो उन पर इस समय कार्यरत लगभग 76 हजार अध्यापक कैसे छात्रों को पढाने में सक्षम हो सकते है? आरटीआई सूचना अनुसार हरियाणा में जहां 35980 शिक्षकों के पद खाली है, वहीं रेशनलाईजेशन के नाम से बनाई गई तबादला नीति में लगभग 15 हजार पदों को कैप्ट कर लिया गया। इस तरह हरियाणा में आवश्यकता से लगभग 51 हजार शिक्षक पद खाली है। जब प्रदेश में स्वीकृत पदों में से लगभग 40 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली है तो शिक्षा व्यवस्था का भट्टा तो बैठेगा ही। 

विद्रोही ने कहा कि जब आरटीआई सूचना के आंकडों को कांग्रेस आगे रखकर भाजपा सरकार से सवाल पूछती है तब भाजपा सत्ता दुरूपयोग से सवाल उठाने वाले नेताओं पर ही झूठे आरोप जड़कर मीडिया में मनगंढत बयान पेश करती है। जो सरकार शिक्षा ढांचे की सच्चाई छिपाने में लगी हो, वह मर्ज का ईलाज क्या खाक करेगी? विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री खट्टर एक संघी कठपुतली सीएम है जो आरएसएस के निर्देश पर सरकारी शिक्षा व्यवस्था में निजीकरण करने व सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों को निजी स्कूलों में पढऩे के लिए मजबूर करने के एक सुनियोजित एजेंडे के तहत काम कर रहे है जो हरियाणा की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर देगा। 

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