-कमलेश भारतीय

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का यह चौथा दिन है । कुल एक सौ पचास दिन की यात्रा है जो कन्याकुमारी से शुरू हुई और कश्मीर जाकर संपन्न होगी । यात्रायें कोई नयी बात नहीं । महात्मा गांधी की यात्रायें भी देश जोड़ने और आम जनता की नब्ज टटोलने के लिए कई गयी थीं । कभी नमक के लिए आंदोलन तो कभी स्वदेशी का आह्वान करते हुए । कितने युवाओं ने असहयोग आंदोलन में अपनी पढ़ाई छोड़कर इसमें योगदान दिया तो कितनी महिलाओं ने अपने कपड़ों की होली जला दी ।

स्वतंत्र भारत में भी यात्रायें जारी हैं । बिनोवा भावे ने भूदान आंदोलन के लिए पदयात्रायें कीं । लाल कृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर के लिए रथयात्रा निकली । बेशक वे उपप्रधानमंत्री पद तक ही पहुंच पाये । आगे गुरु दक्षिणा में प्रधानमंत्री पद नहीं मिला ! हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी विधानसभा चुनाव से पूरे प्रदेश में रथयात्रा की लेकिन कांग्रेस की गुटबाजी ने सत्ता में नहीं आने दिया । सारी मेहनत और बहाया गया पसीना बेकार कर दिया । जनसैलाब जरूर उमड़ता रहा लेकिन आपसी खींचतान ने सब उलटफेर कर दिया । लोकनायक जयप्रकाश ने भी यात्रायें कीं , जिनसे घबराकर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी । इस पदयात्रा से जनता पार्टी को सरकार बनाने का सुनहरा अवसर मिल गया ।

अब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं । इसको बेअसर करने के लिए गुलाम नबी आज़ाद आगे आये और कांग्रेस से इस्तीफा देने का यही अवसर चुना । यही नहीं राहुल गांधी को निशाने पर रखा और अपरिपक्व नेता बताते कड़ी आलोचना की । जब इससे भी कोई बात नहीं बनी तब राहुल गांधी की टी शर्ट को लेकर तंज किया गया -भारत देखो ! यानी राहुल गांधी 41, 257 रुपये की शर्ट पहनकर महंगाई की बात करने निकले हैं !

यह मीडिया सेल का कमाल है । किस तरह किसी भी मुद्दे से ध्यान हटाना है । पहले एक चुनाव में जनेऊ में उलझा दिया था राहुल को । अब कहा जा रहा है कि यह भारत जोड़ो नहीं भारत देखो यात्रा है और महंगी कीमत की टी शर्ट वाले नेता को देखो ! यही उद्देश्य है । वैसे जवाब बहुत आसान है और संसद में भी दिया जा चुका है -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाखों रुपये के कोट पेंट पर कहा गया था -यह सूट बूट वाली सरकार है ! फिर जवाब आया -पहले सूटकेस वाली सरकार चलती थी ! इस तरह अभी यह सोचो कि कोई महात्मा गांधी की तरह लंगोटी में यात्रा पर निकलेगा , यह संभव नहीं लेकिन विपक्ष का काम है कहना और कह दिया कि महंगी टी शर्ट पहन कर निकले हैं राहुल ! वैसे तो किसी की भी फोटो डालिए और साथ में किसी शो रूम का कोई भी टैग तो क्या वह उसी मूल्य की टी शर्ट हो जायेगी ? मतलब साफ है कि मुद्दों से ध्यान भटकाना !

खैर ! अभी बहुत दिन बाकी हैं कश्मीर तक । गुलाम नबी आज़ाद कोई नया शिगूफा छोड़ेंगे। जैसे आज भी कह दिया कश्मीर में कि कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं को अपमानित कर रही है जिस कारण इसे छोड़कर वरिष्ठ नेता जा रहे हैं ! अभी इनके तरकस में कितने तीर बाकी हैं ,,,,?
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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