*- डीसी निशांत कुमार यादव ने वीसी के उपरांत दिए निर्देश, ई-केवाईसी को बढ़ावा देने तथा 12 सितंबर तक गिरदावरी के कार्य को पूरा करें अधिकारी * गुरुग्राम, 06 सितंबर। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों का अगले 3 दिनों के भीतर ई-केवाईसी करवाने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने विभाग के अधिकारियों को 12 दिसंबर तक गिरदावरी का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर ई-केवाईसी अवश्य कराए। यह निर्देश उन्होंने मंगलवार की सांय लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं को लेकर आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपरांत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को दिए। इससे पहले कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, ई-गिरदावरी, क्रॉप बुकिंग, ई-केवाईसी, फसल अवशेष प्रबंधन, सीआरएम स्कीम के तहत कृषि उपकरणों की खरीद आदि विषयों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। उनके साथ विभाग के महानिदेशक डा. हरदीप सिंह भी उपस्थित रहे। एसीएस ने कहा कि प्रदेश में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है। सभी जिलों में मांग के अनुरूप आपूॢत की जाएगी। डीसी निशान्त कुमार यादव ने वीडियो कांफ्रेंस के दौरान जिला में विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। वीडियो कांफ्रेंस के उपरांत उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सीआरएम स्कीम के तहत दिए जाने वाले कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए। साथ ही फसलों के अवशेष न जलाने के लिए गांव-गांव विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए। स्कूली बच्चों को भी जागरूकता कार्यक्रम से जोड़ा जाए ताकि जागरूकता रैलियों के माध्यम से फसल अवशेष न जलाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जाए। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी हॉटस्पॉट (पराली जलाने की घटनाओं वाले गांव) में रात को भी निगरानी करेंगे। किसान यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर किसानों को इस विषय में जागरूक किया जाए। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक सहित कई अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे । Post navigation बात नहीं करते मानेसर भूमि अधिग्रहण आंदोलन वाले किसान: जरावता मौजूदा शिक्षा पद्धति, देश के लिए अभिशाप सिद्ध हो रही: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द