सिलारपुर के सरकारी स्कूल पर जड़ा ग्रामीणों ने ताला

-विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने खट्टर सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी
-सरकार पर गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का लगाया आरोप
-लोगों ने कहा-सुनियोजित तरीके से सरकार हड़पना चा रही है सरकारी स्कूलों की जमीन

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। सीहमा ब्लॉक के गांव सिलारपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पर मंगलवार सुबह 8 बजे स्कूली विद्यार्थियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सरकार द्वारा गत दिनों किए गए अध्यापकों के तबादले के बाद स्कूल में कई विषयों के अध्यापकों के अभाव में रोष स्वरूप मैन गेट ताला जड़ दिया और स्कूल के बाहर बैठ गए तथा खट्टर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरपंच संजय कुमार, सिंहराम, नंदराम, राजेंद्र पंच, राम कुमार नंबरदार, रामचंद्र नंबरदार, रामफल फॉरमेन, तोताराम ने बताया कि सरकार ने नई तबादला नीति लागू कटने के बाद यहां 6 से 10 वीं तक एक ही टीचर बचा है। अन्य सभी टीचर्स का तबादल कर दिया है। वहीं सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी साइंस, मैथ के लेक्चर्स नही है। यहां पर मुख्य रूप से गणित, अंग्रेजी, एस एस और ड्राइंग टीचरों की आवश्यकता है। सरकार इस और कोई ध्यान नही दे रही है।

-350 विद्यार्थियों पढ़ाई पर छाया संकट-

-ग्रामीण रामपाल पंच, रोहतास पंच, ब्रजपाल, दरियाव सिंह, श्रीराम, राजेश, अशोक, सुरेश चौकीदार, जुगलाल, शेर सिंह ने बताया कि स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 350 के करीब है इसके बावजूद भी यहां अध्यापकों की पोस्ट को सरकार ने सुनियोजित प्लान से पोस्ट केप्ट कर ली है जिसके कारण कई अध्यापक यहां नही आ सके। सरकार की मंशा पर विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने उठाए सवाल

विद्यार्थियों और ग्रामीण देशराज, पहलाद मिस्त्री, दिनेश, सुभाष, संजय, तोताराम, रामफल ने सवाल उठाते हुए कहा सरकार की नीयत सरकारी स्कूलों को सुनियोजित तरीके से बंद करके गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करना है। जब गरीब, दलित, पिछड़े वर्ग का बच्चा पढ़ेगा तो सरकार से रोजगार मांगेगा इससे सरकार पहले ही सरकारी स्कूलों को बंद कर देना चाहती है।

-ग्रामीण नंदराम, राजेंद्र, रामकुमार, दारियाव सिंह ने कहा कि गांव बस्ती में उनके पूर्वजों ने अपनी खून पसीने की कमाई से करोड़ो रुपए की जमीन पर कमरे बनाकर स्कूल बनाया था। अब सरकार इन बेशकीमती स्कूलों की जमीन और बिल्डिंग को अपने नाम करवा चुकी है और अब सुनियोजित तरीके से अध्यापक मुक्त करके गांवों में खाली पड़ी करोड़ों की जमीन और बिल्डिंग को हड़पने पर तुली है।

-दो घंटे तक स्कूल के गेट पर अपनी मांग को लेकर डटे रहे विद्यार्थी और ग्रामीण 
-आखिर में डीईओ नारनौल सुनील दत्त और बीइईओ अटेली मदन भाटिया को देना पड़ा दखल। 

जिले के दो शिक्षा अधिकारियों के आदेश पर राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल गढ़ी रूथल के प्राचार्य डॉ देवेंद्र हरित और बाछौद राजकीय गर्ल स्कूल प्राचार्य तेज सिंह को मौके पर सिलारपुर पहुंचकर ग्रामीणों की मांग का ज्ञापन लेना पड़ा और ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों के द्वारा दिए 7 दिन में अध्यापकों की कमी पूरा करने के आश्वासन के बाद आखिर में स्कूल का ताला खोला। उसके बाद स्कूल में दो घंटे बाद नियमित रूप से स्कूल चल पाया।

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