हारे हुए प्रत्याशी ने जनता से किए अपने वादे को व्यक्तिगत स्तर पर पूरा किया
जो कार्य विकास पुरुष न कर सके उसे सुधीर चौधरी ने कर दिखाया

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। दक्षिणी हरियाणा के महेंद्रगढ़ क्षेत्र में स्थित नांगल चौधरी नगर पालिका सोमवार से सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहेगी। कार्य किसी सरकारी स्तर पर नहीं किया गया। प्रदेश में व्यक्तिगत प्रयास से नज़ीर बना यह उत्कृष्ट कार्य एक पराजित उम्मीदवार ने चुनाव के दौरान जनता से किए वादे को साकार करके बना। जो कार्य विकास पुरुष के नाम से जाने जाने वाले भाजपा विधायक डॉ अभय सिंह यादव न कर पाए उसे सुधीर चौधरी ने कर दिखाया। लोग चुनाव जीतने के बाद जनता से किए वादे को साकार करने के लिए मुंह मोड़ लेते हैं वही जनता से नकारे जाने के बावजूद अपने वादे को अमलीजामा पहनाया। हरियाणा में पालिका स्तर पर किया गया यह पहला निजी प्रयास है जहां 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे वाईफाई से युक्त शहर की निगरानी करेंगे। 

सुधीर चौधरी जी नांगल चौधरी पालिका क्षेत्र में लगभग 32-  33 सीसीटीवी कैमरे मुख्य स्थानों पर लगवाए जिस पर अनुमानित लागत 15 लाख के करीब आई है। इस निगरानी तंत्र का उद्घाटन जिला पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को किया। यहां इस बात ध्यान रहे कि सुधीर चौधरी ने हाल ही में संपन्न हुए नगर पालिका चुनाव में चेयरमैनी का चुनाव लड़ा था। चुनाव के दौरान उन्होंने जनता से वादा किया था कि अगर उन्हें मौका दिया गया तो वह शहर की निगरानी व सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे का तंत्र अपने स्तर पर विकसित करेंगे। चुनाव में पराजय मिलने के बावजूद भी उन्होंने अपने वादे को भुलाया नहीं। उसे अमलीजामा पहनाकर साकार कर एक नजीर उदाहरण पेश किया।

सुधीर चौधरी बताते हैं कि उनको यह प्रेरणा बीते समय में चोरी और डकैती के मामलों घटित होने के बाद मिली और उन्होंने महसूस किया की आधुनिक तकनीक से विकसित एक निगरानी तंत्र की सख्त आवश्यकता है जिसे सीसीटीवी कैमरे द्वारा किया जा सकता है। पालिका क्षेत्र में इस निगरानी तंत्र के बाद निश्चित अपराधों पर रोकथाम अवश्य लगेगी तथा क्षेत्र में होने वाली गौ तस्करी के तंत्र पर भी चोट होगी। यहां यह भी बीत रहे कि सुधीर चौधरी पिछली योजना में पार्षद रह चुके हैं। इसके साथ वह गौ रक्षा दल के सक्रिय सदस्य भी हैं। उन्होंने अपने साथियों की मदद से अनेक बार गौ तस्करी पर अंकुश लगाया है।

श्री चौधरी की एक पीड़ा और भी है कि लगभग 11000 मतदाताओं वाली नांगल चौधरी पालिका क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय नहीं है। इसके लिए मैं तो प्रशासनिक स्तर पर और ना ही प्रतिनिधि स्तर पर किसी ने ध्यान दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सार्वजनिक शौचालय बनाने की योजना यहां सिरे नहीं चढ़ पाई। इसके पीछे शायद राजनीतिज्ञों की मंशा ठीक नहीं थी। विकास को लेकर किए जा रहे विकास पुरुष के कथित दावों की यहां हवा निकली दिखाई देती है। जो कार्य सरकारी स्तर पर और प्रतिनिधि स्तर पर साकार नहीं हो पाया उसे निजी स्तर पर किया गया उत्कृष्ट उदाहरण कहा जा सकता है जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतना ही कम है। वैसे नांगल चौधरी में भामाशाह बैजनाथ के बाद यह एक ओर उत्कृष्ट कार्य निजी स्तर पर हुआ है जिसकी चहूंओर प्रशंसा हो रही है।

यह अक्सर देखने को मिलता है कि जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने से पूर्व जनता के बीच तरह-तरह के वादे करते हैं। सत्ता मिलने के बाद राजनीतिक दलों के साथ-साथ विजेता प्रतिनिधि भी केवल उसी क्षेत्र का विकास करते हैं जहां उन्हें अच्छी संख्या में मत मिले हो। इसके साथ उस क्षेत्र को भी तवज्जो दी जाती है जहां चाटुकारिता और कमीशन का ध्यान रखा जाता हो। आज जनप्रतिनिधि कुछ चाटुकार पत्रकारों की सहायता से अपनी छवि को बेहतरीन करने की कोशिश करते हैं लेकिन हकीकत में  विकास के दावों की पोल देखने को मिल जाती है। हमारे क्षेत्र के राजनीतिक क्षेत्र के विकास की अपेक्षा झंडी और आपसी गुटबाजी को अधिक महत्व देते हैं। यह क्षेत्र का दुर्भाग्य है कि इसी गुटबाजी के कारण हरियाणा का जिला महेंद्रगढ़ तथा उसका ए क्षेत्र नांगल चौधरी अति पिछड़े इलाके की श्रेणी में आता है, जहां बुनियादी सुविधाओं का नितांत अभाव आज भी देखा जा सकता है।

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