सेक्टर 37सी स्थित अधूरी परियोजना को पूर्ण करने सम्बन्धी रेजलुशन प्लान प्रस्तुत करें आईएलडी बिल्डर, अन्यथा संपत्ति के अटैचमेंट के लिए रहे तैयार : डॉ के.के खंडेलवाल, रेरा चेयरमैन गुरुग्राम गुरुग्राम, 03 सितंबर। रेरा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ के.के खंडेलवाल ने शुक्रवार को आईएलडी बिल्डर के सेक्टर 37 सी स्थित एक प्रोजेक्ट से संबंधित घर खरीदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें बड़ी राहत प्रदान की है। प्राधिकरण ने अपने आदेशों में कहा कि आईएलडी बिल्डर गुरुग्राम के सेक्टर 37 सी स्थित अपनी अपूर्ण परियोजना के संबंध में एक समाधान योजना प्रस्तुत करने के साथ ही आवंटियों को जल्द से जल्द उनकी इकाइयों को सौंपने की दिशा में गंभीर प्रयास करें अन्यथा प्राधिकरण द्वारा उपरोक्त बिल्डर की संपत्ति अटैच करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। सुनवाई के दौरान आवंटियों ने प्राधिकरण को बताया कि प्राधिकरण द्वारा बिल्डर को परियोजना पूरा करने के संबंध में जो आदेश दिए गए थे उनकी ऊपरोक्त बिल्डर द्वारा पिछले चार वर्षों से निरंतर अवेहलना की जा रही है। डॉ खंडेलवाल ने घर खरीदारों व आईएलडी के प्रमोटर सलमान अकबर का पक्ष सुनने के बाद अपने आदेशों में कहा कि उपरोक्त परियोजना से जुड़े आवंटी लगभग एक दशक से अपने सपनों के घरों के लिए डिफॉल्टर बिल्डर के साथ निराशाजनक रूप से लड़ रहे हैं। उन्होंने बिल्डर को चेतावनी देते हुए कहा कि परियोजना को किसी भी तरह से पूरा किया जाना है और 2008-09 से लंबित परियोजना को पूरा करने के लिए बिल्डर की जमीन, कार्यालय, भूखंड, फ्लैट आदि को अटैच करते हुए नीलाम किया जाएगा।सुनवाई के दौरान डॉ खंडेलवाल ने संबंधित बिल्डर की विक्रय की हुई, बिना बेची हुई और गिरवी रखी संपत्तियों का पता लगाने के लिए उसके दस्तावेजों की जांच भी की और सभी पैसे के लेनदेन को तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश जारी किए। उन्होंने बिल्डर को रेरा के आदेशों का पालन न करने पर सलाखों के पीछे डालने की चेतावनी देते हुए कहा कि “हम आपको बिना समय बर्बाद किए पीड़ित आवंटियों के मुद्दे को हल करने का आखिरी मौका देते हैं।” बता दें कि आईएलडी बिल्डर ने वर्ष 2008-09 में सेक्टर 37सी में छह टावरों की एक आवासीय परियोजना शुरू की थी जिसमें 192 खरीदारों से सत्तर से अस्सी प्रतिशत राशि एकत्र कर उन्हें वर्ष 2010 व 11 तक इकाइयों को आवंटितियों को सौंपने का वादा किया था लेकिन वे सभी 192 आवंटी अभी भी परियोजना के पूरा होने के लिए एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं जिस पर प्राधिकरण ने आवंटियों की शिकायत पर सुनवाई करते हुए प्रमोटर को 7 सितंबर को फाइनल रिजॉल्यूशन प्लान के साथ पेश होने के लिए समन जारी किया है। डॉ खंडेलवाल ने रेरा कार्यालय में 50 आवंटियों की उपस्थिति में प्रवर्तक को दीवानी कारावास की चेतावनी देने के साथ ही आवंटियों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए आईएलडी के प्रमोटर सलमान अकबर के निजी वाहन को अटैच करने का आदेश जारी किया, जिसे उसने आदेश के अनुपालन के प्रमोटर के आश्वासन के बाद वापस ले लिया। Post navigation गुरुग्राम जिला में 12 नवंबर को किया जाएगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन : श्रीमती ललिता पटवर्धन सीएम गुरुग्राम को देंगे लगभग ₹26 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात