राज्य सरकार पिछडे़ वर्गों को चैयरमेन समेत सभी स्तरों पर आबादी के अनुपात में आरक्षण देने का करे काम: सुरेन्द्र वर्मा डीआईपीआरओ रिटायर्ड।
हिसार – पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष प्रो आर सी लिंबा, महासचिव इंद्र सिंह जाजनवाला , संरक्षक शांता कुमार आर्य ने संयुक्त ब्यान जारी कर विरोध प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग( ए) को दिया गया आरक्षण इस वर्ग के साथ मात्र छलावा है और पिछड़ा वर्ग को बांटने का षड्यंत्र है । पंचायत समिति व जिला परिषद के चेयरमैन को आरक्षण के दायरे में ना लाकर पिछड़ा वर्ग के साथ सरकार ने विश्वासघात किया है ।इससे साबित हो गया है कि अति पिछड़ा वर्ग की हितेषी होने का ढिंढोरा पीटना मात्र एक ढकोसला था ।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नीति से तो बीसी(ए) को धरातल पर केवल 8% तक ही प्रतिनिधित्व मिल पाएगा जबकि इतना तो बिना आरक्षण के मिल रहा है जो कि इस वर्ग की आबादी के अनुपात से बहुत ही कम है । उन्होंने आगे बताया कि 2016 के सीडब्लूपी 9931 के मामले में माननीय हाई कोर्ट के निर्देश पर 12 मार्च 2018 से 21 मार्च 2018 तक करवाए गए कास्ट वाइज सर्वे के अनुसार बीसी (ए) की जनसंख्या 30.13% तथा बीसी(बी) की 16% बनती है । इस प्रकार पिछड़ा वर्ग ए व बी को उनकी आबादी के अनुपात में कम से कम क्रमश: 20 % व 10% एस सी की तरह पंच, सरपंच , पंचायत समिति व जिला परिषद तथा चेयरमैन सभी में फ्लेट स्तर पर आरक्षण देना चाहिए था । सरकार ने सरपंच के लिए केवल 8 % देकर और चेयरमैन के लिए आरक्षण न देकर पिछड़ा वर्ग के साथ घोर अन्याय किया है । महासभा इसकी घोर निन्दा करती है और इससे वंचित एवं शोषित पिछड़ा वर्ग में काफी रोष है ।
महासभा मुख्यमंत्री जी से अपील करती है कि प्रदेश को इकाई मानते हुए एस सी की तरह सभी स्तरों पर आबादी के अनुपात में आरक्षण देकर इस वर्ग को मलहम लगाने का काम करे।उधर, पिछडे़ वर्ग के प्रतिनिधि एवं डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र कुमार वर्मा एवं डीएनटी हरियाणा के पूर्व चेयरमैन अजमेर नायक राखीगढी ने भी हरियाणा सरकार से अपील की है कि सरकार चैयरमेन सहित पंचायती राज्य संस्थाओं में सभी स्तरों पर पिछडे़ वर्गों की आबादी के अनुपात में आरक्षण देने का काम करें ताकि वर्गों से उपेक्षित पिछडे वर्गों का उत्थान सम्भव हो सके।