– जिला, उपमण्डल, क्लस्टर तथा ग्राम स्तर पर बनेगी मिशन टीमें
– स्कूलों में भी प्राचार्य को नियुक्त किया जाएगा ‘धाकड़ नोडल अधिकारी’

गुरूग्राम, 31 अगस्त। गुरूग्राम जिला प्रशासन नशे की बुराई को नियंत्रित करने व जिला में नशीले पदार्थो की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए मुहिम चलाएगा। इसके लिए जिला स्तर, उपमण्डल स्तर तथा ग्राम स्तर पर मिशन टीमें गठित की जाएंगी और स्कूलों में प्राचार्य को धाकड़ नोडल अधिकारी नियुक्त करने के अलावा, स्कूल या शिक्षण संस्थान के अध्यापक को सीनियर धाकड़ तथा विद्यार्थियों को धाकड़ नियुक्त किया जाएगा। इस मुहिम मंे सभी सरकारी तथा निजी स्कूल शामिल होंगे। ग्राम स्तर से जिला स्तर तक बनाई जाने वाली मिशन टीमें अपने-अपने कार्य क्षेत्र में लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करेंगी और नशीले पदार्थों की तस्करी या बिक्री करने वाले व्यक्तियों के बारे में जिला प्रशासन को सूचित करेंगी।   

इस बारे में निर्देश उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव ने बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में चिन्ह्ति अपराध से संबंधित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों के आस-पास तंबाकु तथा गुटके की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। स्कूलों के 100 मीटर दायरे में तंबाकु तथा गुटका बेचने वाली दुकाने नहीं होगी। इसके लिए स्कूल के प्राचार्य की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उसे ‘धाकड़ नोडल अधिकारी‘ नियुक्त किया जाएगा और विद्यालय के किसी एक अध्यापक को सीनियर धाकड़ तथा विद्यार्थियों में से कुछ विद्यार्थियों को ‘धाकड़‘ नियुक्त किया जाएगा। ये धाकड़ नोडल, सीनियर धाकड़ तथा विद्यार्थी धाकड़ यह निगरानी रखेंगे कि अपने स्कूल परिसर के 100 मीटर दायरे में तंबाकु उत्पाद तथा गुटके आदि बिक्री की दुकाने ना हों और यदि कोई दुकान खोली जाती है तो उसके बारे में प्रशासन को तत्काल सूचित करेंगे ताकि उस पर कार्रवाई की जा सके।   

उन्होंने कहा कि जिला में ड्रग्स अर्थात् नशीले पदार्थो की तस्करी, बिक्री व प्रयोग आदि पर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर, उपमण्डल स्तर व ग्राम स्तर पर मिशन टीमों का गठन किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में हर वार्ड के स्तर पर एक टीम होगी। जिला मिशन टीम में कम से कम 9 सदस्य होंगे और इसमें पुलिस के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। पुलिस के नारकोटिक्स सैल के डीएसपी को भी सदस्य बनाया जाएगा। इसके अलावा, सिविल सर्जन, जिला न्यायवादी, जिला ड्रग्स नियंत्रक, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सदस्य सचिव व चीफ जुडिशियल मैजिस्टेªट, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी को शामिल किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि मिशन टीमों को गठन करके इन्हें टेªनिंग भी दी जाएगी ताकि उन्हंे पता हो कि उन्हें क्या काम करना है। उन्होंने कहा कि जिला मिशन टीम दो महीने के अंतराल पर कम से कम एक बार बैठक करेगी और नशे पर अंकुश लगाने के बारे में कार्य योजना बनाएगी तथा फीडबैक देगी।

जिला स्तरीय मिशन टीम अपने कार्यक्षेत्र में स्टेट एक्शन प्लान का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी और नशा तस्करी में शामिल व्यक्तियो पर कानूनी कार्यवाही करवाएगी। उन्होंने कहा कि नशा हमारे सामाजिक ताने-बाने  विशेषकर युवाओं को नुकसान पहुंचा रहा है। इस बुराई पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने स्टेट एक्शन प्लान तैयार किया है जिसका उद्देश्य नशीली वस्तुओं की अवैध तस्करी करने वालों पर कानूनी कार्यवाही करवाने के अलावा, लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने तथा जो इस बुराई के शिकार हो गए हैं उनका ईलाज व पुनर्वास करवाना है। एक्शन प्लान के अंतर्गत ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर तक 5 स्तरों पर मिशन टीमें गठित होंगी। इनमें ग्राम मिशन टीम, क्लस्टर मिशन टीम, सब डिवीजन मिशन टीम, डिस्ट्रिक्ट मिशन टीम और स्टेट मिशन टीम शामिल हैं।   

आज की बैठक में अपराध से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श किया गया जिसमें मुख्य रूप से पोक्सो एक्ट, महिलाओं तथा समाज के कमजोर तबके के खिलाफ अपराध की मॉनिटरिंग, अनुसूचित जाति व जनजाति अधिनियम के तहत चल रहे मामले शामिल थे।

इस अवसर पर डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह, जिला न्यायवादी धमेंद्र, नगराधीश दर्शन यादव, ड्रग कंट्रोल ऑफिसर मनदीप मान, जिला समाज कल्याण अधिकारी जितेंद्र, शिक्षा विभाग से विज्ञान विशेषज्ञ सुरेंद्र उपस्थित थे।

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