पेड़-पौधों और गोमाता की वंदना कर सैकड़ों परिवारों ने लिया रक्षा का संकल्प
प्रकृति को बचाने की जिम्मेदारी हम सबको लेनी होगी: रेणु पाठक

गुरुग्राम, 28 अगस्त। हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन (एचएसएसएफ) हरियाणा द्वारा गुरुग्राम के कार्टरपुरी स्थित कामधेनु गोशाला में आयोजित राज्य स्तरीय प्रकृति वंदन कार्यक्रम में सैंकड़ों परिवारों ने प्रकृति वदन किया। पेड़, पौधे और गो माता को तिलक कर रक्षासूत्र बांधा और एक साथ प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प किया। पूरे हरियाणा के सभी जिलों से अपने-अपने घरों में प्रकृति वंदन करने वाले सैकड़ों परिवार भी जूम के जरिए इस कार्यक्रम से सीधे जुडे़ और सभी ने पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान देने का वचन लिया। नगर निगम कमिश्नर मुकेश आहुजा ने गौशाला में शंख पुष्पि गो माता की वंदना कार्यक्रम की शुरुआत की। सिग्नेचर ग्लोबल के डायरेक्टर प्रदीप कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन (एचएसएसएफ) हरियाणा की पालक रेणुका पाठक मौजूद रही, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी मानव जाति को एक साथ आकर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया। जूना अखाड़ा के स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने भी पर्यावरण पर अपनी बात रखी।

रेणु पाठक ने कहा कि मानव ही पर्यावरण को बिगाड़ने का जिम्मेदार है, इसलिए इसे सुधारने की जिम्मेदारी भी अब पूरी मानव जाति की है। हम सबको प्रकृति वंदन जैसे कार्यक्रमों के जरिए हरेक व्यक्ति को प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूक करने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाकर उनका संरक्षण करने का कार्य निरंतर करना होगा ताकि ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या से दुनिया को बचाया जा सकें।

रेणु पाठक ने कहा कि कुदरत ने जो हमें दिया वो फ्री में दिया और उसका मोल हम नहीं समझ पाए। वायु, जल, भूमि, वनस्पति यह कुदरत की अनमोल देन है, जो मानव जाति को फ्री में मिली है। अगर हम इनकी कीमत के बारे में सोचना शुरू करें तब हमें उसकी कीमत का अहसास होगा। अभी हाल ही में कोरोना महामारी ने पूरी मानव जाति को हिला कर रख दिया, तब हमें समझ आया कि ऑक्सीजन का मोल क्या है। बहुत ज्यादा लेने के चक्कर में हम लगातार प्रकृति से छेड़छाड़ करते जा रहे हैं, जितना परिणाम वायु, जल, मृदा सब दूषित होते जा रहे हैं। हमारे ऋषि मुनि, पूर्वजों ने हर चीज में बैलेंस रखना सीखा, जितनी आवश्यकता थी वे प्रकृति से उतना ही लेते थे। लेकिन हमनें प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया और प्रकृति का आवश्यकता से अधिक दोहन किया। बुजुर्गों ने प्रकृति को संतुलित रखने का जो मंत्र दिया उसे अब मानव जाति भूलती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों को दूषित होने से कैसे रोका जाए इसके लिए प्रकृति वंदन जैसे कार्यक्रम करते हुए समाज को जागरूक करना होगा और यह जिम्मेदारी हम सभी की है।

एचएसएसएफ के महासचिव विनोद शर्मा ने कार्यक्रम की प्रस्तावना पढ़ते हुए विश्वास दिलाया कि प्रकृति के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए एचएसएसएफ का अभियान लगातार जारी रहेगा। कार्यक्रम के पालक एवं गो सेवा आयोग के वाइस चेयरमैन पूरन यादव ने प्रकृति वंदन के लिए एकत्रित हुए परिवारों व मुख्य अतिथि एवं वक्ताओं का आभार जताया और कहा कि मानव जीवन के लिए पर्यावरण से बढ़कर कुछ नहीं इसलिए हम सबको मिलकर इसकी रक्षा के लिए काम करना होगा। मंच संचालन प्रदीप शर्मा ने किया, जबकि वीना घोराई ने प्रकृति वंदन में उपस्थित लोगों को पूजा विधि बताई।

इस कार्यक्रम में एचएसएसएफ के प्रदेश सचिव नरोत्तम वत्स, नगर निगम के उपायुक्त डा. नरेश कुमार, विंग कमांडर नरेश कुमार शर्मा, सेवानिवृत जज अनिल कुमार विमल, पार्षद राकेश यादव, बलजीत यादव, हीरा लाल, उदय प्रकाश, पुरूशोतम सोनी, दीपचंद फौजी, श्यामवीर यादव, श्रीमती चंदा शर्मा, गीता वासु, सुजाता गोड़, पंतजलि योग पीठ से मंजू, गीता, शशी, रजनी, शीतला माता श्राइन बोर्ड सदस्य ब्रह्म प्रकाश कौशिक, माउंट एवरेस्ट विजेता हेयांश कुमार, संजीव त्यागी, आशीष शर्मा, सर्वेश कुमार, गिरिराज सिंह, धर्मसिंह, बलराज, महेश डावरा, उमेश, सुशील, राजीव कुमार, पंडित कृष्ण मुरारी आदि सहित एचएसएसएफ के पदाधिकारी एवं स्वयंसेवकों ने भी विधिवत प्रकृति वंदना की।

प्रदेश भर से पहुंची प्रकृति पूजा की सैकड़ों सेल्फी

गुरुग्राम में प्रकृति वंदन के इस कार्यक्रम से प्रदेश भर के लोग भी जुड़ें। हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन (एचएसएसएफ) हरियाणा द्वारा मुख्य आयोजन भले ही गुरुग्राम में किया गया, लेकिन प्रदेश के सभी जिलों में इसका आयोजन कर मुख्य कार्यक्रम से जुड़ने का आह्वान किया गया था जिसके चलते वाट्सअप ग्रुप पर प्रकृति वंदन कार्यक्रमों की सेल्फी भी आमंत्रित की गई थी। एचएसएसएफ के वाट्सअप ग्रुप पर रविवार को मात्र दो घंटे में ही प्रकृति वंदन, पेड़-पौधे को तिलक लगाते हुए, गो माता की पूजा करते हुए और पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधते हुए सैकड़ों लोगों ने वीडिया और सेल्फियां डाली। गुरुग्राम के अलावा सोनीपत, रोहतक, पानीपत, पंचकूला, नूंह, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, पलवल, जींद, हिसार, फतेहाबाद, यमुनानगर, करनाल, अंबाला आदि सभी जिलों से प्रकृति वंदन करते हुए लोग गुरुग्राम की कार्टरपुरी गोशाला में आयोजित मुख्य कार्यक्रम से जूम के माध्यम से जुड़ें।

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