जन वेदना समिति के सदस्यों ने कहा सस्पेंड करो, मंत्री ने कहा प्रमाण लाओ
भाजपा के प्रधान राकेश शर्मा पूर्व प्रधान शिवकुमार मेहता भाजपा के प्रदेश मंत्री मनीष मित्तल ने लगाए तहसीलदार पर आरोप
उपमुख्यमंत्री व कृषि मंत्री कार्रवाई करने पर विवश से दिखाई दिए
तहसीलदार पर आरोप वह बदतमीजी से पेश आता है व जनता के काम नहीं करता
एसडीएम द्वारा जांच में दोषी पाए जाने की पुष्टि होने पर मंत्री ने उपायुक्त को दिए एफआईआर दर्ज करने के आदेश

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। क्या कोई सरकार, उसकी कैबिनेट के मंत्री, जिले के आला अधिकारी इतने असहाय हो सकते हैं कि, एक अधिकारी जो पिछले 3 सालों से अपनी मनमानी कर रहा हो, आम जनता जिस के व्यवहार से बुरी तरह परेशान हो, जिसके कार्यकाल में सरकार का राजस्व काफी घट चुका हो, उसके खिलाफ कोई भी कार्यवाही न करा सके। ऐसे अधिकारी को यहां से कहीं ओर ट्रांसफर करा सके। ऐसी कुछ विवशता आज जन परिवेदना समिति की नारनौल की मासिक बैठक में कृषि मंत्री जेपी दलाल की रही। ऐसी ही विवशता प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की तरफ से भी देखने को मिली थी जब वह नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी को पदभार ग्रहण कराने नारनौल आए थे। उनके समक्ष मीडिया ने उक्त तहसीलदार को लेकर जब प्रश्न पूछा तब यही विवशता दिखाई दी। आखिर समझ से परे है कि एक अदना सा अधिकारी पूरी सरकार के ऊपर कैसे भारी हो रहा है। दूसरी तरफ तहसील कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार तहसीलदार का वही नेता विरोध कर रहे हैं जो प्रॉपर्टी के धंधे से जुड़े हुए हैं।

शुक्रवार को नारनौल पंचायत भवन में जनपद परिवेदना समिति की मासिक बैठक का आयोजन था। बैठक समाप्ति की ओर थी कि आखिर में एक मामला मुरारीपुर गांव से आया।‌ शिकायतकर्ता ने तहसील में इंतकाल को लेकर आया मामले में तहसीलदार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर इंतकाल दर्ज करना नहीं चाहते। तहसीलदार की कार्यप्रणाली को लेकर जन परिवेदना समिति के सदस्यों ने एक के बाद एक नेआरोपों की झड़ी लगा दी। तहसीलदार को बुलाया गया मंत्री ने उसकी बात को सुना और परिवेदना समिति के सदस्यों को कहा कि एक भी सबूत लाओ मैं अभी उप तहसीलदार को निलंबित करता हूं बिना प्रमाण के मैं कोई कार्रवाई नहीं करूंगा। बस इतना कहना था कि भाजपा के जिला प्रधान भाजपा संगठन में प्रदेश मंत्री मनीष मित्तल सहित अनेक सदस्यों ने आरोपों की बौछार कर दी। तहसीलदार को लेकर जिला भाजपा अध्यक्ष तो इतना आक्रोशित थे कि उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार भाजपा के संगठन के पदाधिकारियों की सरेआम बेइज्जती करता है। बैठक में मंत्री के समक्ष सत्ता पक्ष के स्थानीय नेताओं ने व भाजपा के जिला प्रधान राकेश शर्मा की अगुवाई में जब सभी सदस्यों ने एकमत होकर उस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए आवाज उठाई, तो जिला शिकायत निवारण समिति के चेयरमैन मंत्री कहते हैं कि इस अधिकारी के खिलाफ वह कार्यवाही तभी करेंगे, यदि उसके खिलाफ कोई सबूत है तो लाओ।

इससे ज्यादा सरकार की किरकिरी और क्या होगी? जब हरियाणा सत्तासीन पार्टी के जिला प्रधान राकेश शर्मा पूर्व प्रधान शिवकुमार मेहता व प्रदेश संगठन में मंत्री मनीष मित्तल ने आम जनता की आवाज को मंत्री के समक्ष उठाया। मंत्री के समक्ष तहसीलदार के खिलाफ आवाज उठाने में उनके अलावा एक दर्जन के लगभग अन्य सदस्य भी शामिल थे। एक सदस्य ने तो अपनी पीड़ा का इजहार यह कहते हुए यह दिया कि उनके सफेद बालों का भी लिहाज मंत्री नहीं रख रहे। इस टिप्पणी पर भी मंत्री का कथन था कि वह इसका जवाब बेहतर तरीके से दे सकते हैं लेकिन यह उपयुक्त मंच नहीं है।

सभी शिकायत निवारण समिति के सदस्यों ने एक स्वर में मंत्री के साथ जब यह बात कही कि पूरा इलाका पिछले 3 साल से इस अधिकारी से परेशान है लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है पार्टी व सरकार की जनता में छवि खराब हो रही है, इसलिए ऐसे अधिकारी को आप तुरंत यहां से बदलें और उसको आज ही सस्पेंड करें। जब बार-बार मंत्री सबूत की बात कर रहे थे तभी एक सदस्य ने कहा कि उक्त तहसीलदार के खिलाफ नारनौल के एसडीएम ने जांच की है सबूत की बात उनसे बेहतर पूछी जाए तो अच्छा रहेगा कि उस मामले में वह दोषी हैं या निर्दोष। यह बात सामने आने के बाद मंत्री ने एसडीएम को इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा।

तब नारनौल के एसडीएम मनोज कुमार ने मंत्री को बताया कि उनके द्वारा जांच की गई है और जांच में तहसीलदार विकास कुमार दोषी पाया गया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट इस बारे में जिला उपायुक्त को काफी समय पहले सौंप भी दी थी। पूरी स्थिति शीशे की तरह साफ होने के बाद आखिरकार जन परिवेदना समिति के सदस्यों के दबाव के चलते मंत्री ने उपायुक्त को आदेश किया कि तहसीलदार विकास कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

अब सवाल यह उठता है कि जिला उपायुक्त द्वारा अभी तक कोई भी कार्यवाही न किया जाना इस बात को दर्शाता है कि उनके ऊपर भी सरकार का कोई ना कोई दबाव है। मंत्री को यह भी बताया गया कि नारनौल में तहसीलदार के पद पर कार्यरत उक्त अधिकारी के खिलाफ पिछले दिनों सोनीपत में सीएम फ्लाइंग द्वारा कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था। धाराओं को देखते हुए जहां उसको गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, उल्टा वही यह अधिकारी नारनौल तहसील में खुलेआम मनमानी कर रहा हैं।

कुछ समय पहले नारनौल बार एसोसिएशन के वर्तमान प्रधान एवं दो पूर्व प्रधानों के साथ भी उक्त अधिकारी ने गलत व्यवहार किया था, जिसकी शिकायत भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जिनके पास राजस्व विभाग है, को की गई थी। उनके माह पहले नारनौल दोरे के दौरान भी तहसीलदार को लेकर नारनौल के खिलाफ पत्रकारों ने इस अधिकारी के भ्रष्टाचार को लेकर एक प्रश्न पूछा था तब उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में इस तरह का कोई मामला नहीं है अगर उनके सामने भ्रष्टाचार का कोई शिकायत आती है तो वह इस पर समुचित कार्रवाई करेंगे।

अब सवाल उठता है क्या जातिगत कारणों से उक्त तहसीलदार के खिलाफ उपमुख्यमंत्री व कृषि मंत्री ने कोई कार्यवाही करने में परहेज किया? या सरकार का कोई बहुत बड़ा दबाव है जो कार्रवाई न करने को बाध्य कर रहा है। क्या पूरे हरियाणा में इस अधिकारी को नारनौल से बढ़िया कोई और स्थान नहीं दिखाई देता, ऐसी सरकार की क्या मजबूरी है कि इतनी शिकायतें बार-बार आने के बावजूद भी इसको किसी दूसरी जगह क्यों नहीं बदला जाता, यहां के विधायक, यहां के मंत्री सब कुछ मालूम होते हुए भी इसके विरूद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं करवा पा रहे, क्यों असमर्थ दिखाई दे रहे हैं?

आम जनता के मन में अब यह बात पूरी तरह बैठ चुकी है कि उक्त अधिकारी इन राजनेताओं से भी ज्यादा पावरफुल है और यह नजारा आज जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक में देखने को भी मिला। जैसा की तहसीलदार अक्सर यह कहते हैं कि वह यहां से जब चाहेंगे तभी उनकी ट्रांसफर हो सकती है अन्यथा कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जो उनको यहां से ट्रांसफर करा सके। जिला शिकायत निवारण समिति की आज की मीटिंग में जो कुछ हुआ, वह बड़ा ही शर्मनाक था और आज के इस वाक्ये से यह बात और भी पुख्ता हुई है कि तहसीलदार का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। दबंगई का परिचय इस बात से मिल सकता है कि जब मंत्री जेपी दलाल मीडिया से रूबरू हो रहे थे तभी अंदर तहसीलदार विकास कुमार नारनौल एसडीएम से उलझ रहे थे। एक तरह से उन्होंने एसडीएम को धमकी भी दी कि वह हाईकोर्ट में जाएंगे उनका कुछ भी बाल बांका नहीं हो सकता।

भाजपा के जिला प्रधान राकेश शर्मा कि शहर में चहूंओर और भारी प्रशंसा हो रही है कि उन्होंने आज जनता की आवाज मंत्री के समक्ष उठाने का जो साहस दिखाया। नारनौल की जनता की मांग है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री‌ मनोहर लाल, उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से व जिले के विधायकों एवं मंत्री को चाहिए कि वह अविलंब इस अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करवाते हुए, उनको यहां से अन्यत्र ट्रांसफर कराएं। ताकि आम जनता को जो पिछले 3 सालों से इनके व्यवहार और इनके कार्यों से परेशान है और तहसील की दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है, राहत की सांस ले सके।

error: Content is protected !!