भारतीय प्रशासनिक सेवा भारतीय सरकारी तंत्र की रीढ़ है : राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय

राज्यपाल श्री बंडारु दत्तात्रेय ने समाजसेवा में योगदान करने वाले महानुभावों को भामाशाह सम्मान, धार्मिक व आध्यात्मिक क्षेत्र में योगदान के लिए ऋषि सम्मान, शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय काम करने के लिए गुरू सम्मान भी प्रदान किया

चण्डीगढ़ 20 अगस्त- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि देश के संरचनात्मक ढांचे को मजबूती प्रदान करने व गरीब, दलितों व वंचितों के लिए सरकार की योजना को पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति व हर जरूरतमंद तक पहुंचाने में प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए सभी अधिकारी अपनी इस भूमिका को प्रतिबद्धता, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प से निभाएं।

श्री दत्तात्रेय शनिवार को राजभवन में आईएएस,  एचसीएस व पीसीएस सेवा में आए 20 अधिकारियों को सम्मानित कर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर समाजसेवा में योगदान करने वाले महानुभावों को भामाशाह सम्मान, धार्मिक व आध्यात्मिक क्षेत्र में योगदान के लिए ऋषि सम्मान, शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय काम करने के लिए गुरू सम्मान भी प्रदान किया है। इस अवसर पर पर्यावरणविद राज्यसभा सांसद व पदमश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल, श्री अविनाश राय खन्ना, श्री सत्यपाल जैन, श्री पवन जिंदल, श्री चरणजीत राय व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उन्होंने सभी सम्मानित हुई प्रतिभाओं को शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा भारतीय सरकारी तंत्र की रीढ़ है। इसीलिए लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने IAS को “Steel Frame” of India’s Government Machinery की उपमा दी थी। उन्होंने कहा कि अधिकारी जन सेवा के किसी भी क्षेत्र में जाएं वहां पूरी ईमानदारी, प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करें, जिससे देश को मजबूती मिलेगी और जरूरतमंद को लाभ होगा।

श्री दत्तात्रेय ने कहा कि भारतीय संविधान लोकतंत्र का पावन ग्रंथ है। इसी की बदौलत हर देशवासी को न्याय, समानता, स्वतंत्रता, विचारों की अभिव्यक्ति तथा उन्नति के समान अवसर के अधिकार मिला है। इसका श्रेय संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर और संविधान सभा के दूसरे सदस्यों को जाता है। हमारे संविधान में निहित आदर्शों की आप शपथ भी लेते हैं। इसलिए संविधान की मूल भावना के अनुरूप भारत के निर्माण में ब्यूरोक्रेट्स अहम भूमिका निभाते  आए हैं।

उन्होंने कहा कि ये सच्चाई है कि किसी भी प्रशासनिक व व्यवसाय का प्रबंधन एक चुनौतिपूर्ण कार्य होता ही है। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकयों से जुड़कर जन आकांक्षाओं पर खरा उतरना भी जरूरी है। आज भारत ने सूचना प्रोद्यौगिकी व अन्य प्रकार की इन्टरनेट के मोड को पूरी तरह अपनाया है। इसी के बदोलत देश में इस समय 105 युनिकोर्न है। इस समय देश में 75 हजार से भी ज्यादा स्टार्ट-अप है जो 450 अरब डालर की पूंजी का निर्माण करते हैं।

आप लोगों ने साक्षरता, परिवार कल्याण, पेयजल, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और अंत्योदय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए और अधिक नई सोच से और नई टैक्नोलॉजी के साथ काम करना है, सामाजिक सरोकारों की ओर विशेष ध्यान देना है।
उन्होंने संकल्प संस्था को भी शुभकामनाएं दी कि कोचिंग व मागदर्शन से पांच दर्जन से भी अधिक प्रतिभागी सिविल सर्विस सेवाओं में चयनित हुए हैं।

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