मानेसर में किसानों की मंगलवार को एक बार फिर महापंचायत 
महापंचायत के दौरान किसान जमीन रीलिज की मांग पर अड़े
बीते करीब दो माह से मानेसर में धरने पर बैठे हुए हैं किसान
किसान नेता गुरनाम सिंह भी पहुंचे मानेसर समर्थन देने के लिए
किसान प्रतिनिधिमंडल हरियाणा के सीएम खट्टर से भी मिला
आठ दिन के बाद किसानों ने बड़े आंदोलन की दी है चेतावनी

फतह सिंह उजाला

मानेसर/गुरूग्राम। साइबर सिटी गुरुग्राम के दूसरे नगर निगम मानेसर में बीते करीब दो माह से  कासन और आस पास के गांवों की 1810 एकड़ भूमि अधिग्रहण के मामले को लेकर अपना लंगर-धरना डाला हुआ हैं। धरने पर बैठे किसानो का आरोप है कि हरियाणा सरकार द्वारा जबरन भूमि अधिग्रहण की जा रही है। इसके साथ साथ किसान यह भी कह रहे हैं की अगर सरकार हमारी जमीन लेती है तो 11 करोड़ रुपए प्रति एकड़ का दाम भुगतान करेदे फिर प्रभावित किसानो सहित अन्य लोगों की जमीन को रीलिज करके उनको वापस लौटा दे। अगर सरकार ऐसा नहीं करती हैं तो किसान ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे और आने वाले समय में किसानों का हे धरना बड़ा आंदोलन का रूप ले लेगा। चार दिन पहले 13 अगस्त को भूमि अधिग्रहण केमुद्देसहित अवाड्रके मामले को लेकर को किसानों तथा महिलाओं ने पचगांव चौराहा पर जाम भी लगा दिया था। लेकिन इस दौरान जाम खुलवाने के लिए पुलिस ने किसानों पर लाठियां भांजी थी, यह आरोप किसानों ने लगाया है। इसके साथ साथ मंगलवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी, बंटी नंबरदार कासन, महेंद्र खरखड़ी, जागाराम मोकलवास,महेंद्र पटवारी, रोहताश, पूर्व थानेदार रोशन लाल, राजू मानेसर, बिल्लू, धर्मेंद्र खटाना सहित अन्य  किसानों का प्रतिनिधि मंडल हरियाणा के सीएम खट्टर से अपनी मांगों को लेकर भी मिला और काफी देर हुई बातचीत होने के बाद सीएम ने आठ दिन का समय किसानों से मांगा है। खास बात यही रही कि महापंचायत में शामिल होने किसान नेता गुरनाम सिंह झंडू चडूनी विशेष रूप से पहुंचे, जब कि जमीन बचाओ-किसान बचाओं कमेटी के द्वारा कद्दावर किसान नेता राकेश टिकैत के आने की भी बात कही गर्ठ थी, लेकिन टिकैत महामंचायत में शामिल नहीं हो सके।

किसान नेता गुरनाम सिंह चडूनी,  रमेश प्रधान, रोहतास सिंह, ओम प्रकाश व अन्य ने किसान महापंचायत में बोलते हुए सीधे आरोप हरियाणा सरकार पर लगाए कहा कि जमीन किसानों की और जबरन अधिग्रहण किया गया है।  सरकार ने जमीन तो अधिग्रहण की लेकिन हमारे बच्चों को नौकरियां तक नहीं दी गई।  जिस वजह से हमारे बच्चे अब क्रिमिनल बनते जा रहे हैं।  क्योंकि उनके पास कोई भी काम नहीं बचा और जमीन भी सरकार ने छीन ली है।  ऐसे में बच्चे क्रिमिनल नहीं तो क्या बनेंगे ।

किसानों ने कहा 8 दिन करेंगे इंतजार
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के 75 परसेंट लोगों को रोजगार दिलाने का दावा किया था , उस पर भी किसानों ने सीधा प्रहार करते हुए कहा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा किया गया कोई भी वायदा सही नहीं है । बल्कि वह सरासर झूठ है , यहां के बच्चों को नौकरियां लोकल बच्चे कह कर नहीं दी जाती और बाहर के लोगों को नौकरियां दे दी जा रही है। मंगलवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर से किसान मिले हैं , जिनको 8 दिन का आश्वासन मुख्यमंत्री के द्वारा दिया है। किसानों ने भी सीएम खट्टर की बात मानते हुए कहा है कि 8 दिन तक हम इंतजार करेंगे । उसके बाद किसान महा आंदोलन करेंगे, जिसका खामियाजा आने वाले समय में मौजूदा हरियाणा सरकार को भुगतना पड़ेगा। मंगलवार को किसान  महापंचायत में सभी पार्टियों के लोग मौजूद रहे, चाहे वह कांग्रेस हो, चाहे वह आम आदमी पार्टी हो। सभी ने किसानों की बात को सही ठहराते हुए कहा कि इस मौजूदा सरकार ने सिर्फ और सिर्फ लोगों को लूटने का काम किया है , आने वाले समय में इस को उखाड़ फेंकने की बात सही है।

किसान डटे रहे तो सरकार टेकेगी घुटने
महापंचायत में शामिल होने आए किसान नेता गुरनाम सिंह चडूनी ने भी कहा है कि अगर मन में प्रण कर लिया जाए तो क्या काम नहीं हो सकता । जैसे भारत सरकार से तीन काले कानून वापस करवाए गए थे , ऐसे ही अगर मानेसर क्षेत्र के किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे तो यहां की मौजूदा सरकार भी अपने घुटने टेक देगी और किसानों का हक उसको वापस देगी। फिलहाल 8 दिन की बात पर किसानों के सामने अभी भरोसा करने के अलावा अन्य कोई विकल्प भी मौजूद नहीं दिखाई दे रहा हे। लेकिन 8 दिन के बाद किसानों की होने वाली महापंचायत में क्या फैसला लिया जाएगा ? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

error: Content is protected !!