-कमलेश भारतीय -अजी सुनते हो ?-हूं , कहो ।-आपकी बहन का संदेश आया है ।-क्या ?-वही पुराना राग गाया है ।-यानी ?-रक्षाबंधन का त्यौहार आ रहा है । आकर मिल जाओ ।-अब शादी को इतने वर्ष हो गये । पर यह त्यौहारों पर आकर मिलने का संदेश अभी तक मिल रहा है ।-चलो , जहां इतने वर्ष किया है , वहां इस वर्ष भी कुछ भेंट , उपहार दे आओ ।-एक बात बताओगी ?-पूछिए ।-कभी हम अपनी बहन को मिलने बिना उपहार के गये हैं ?-नहीं । हम भाई-बहन दूर तो नहीं रहते पर उपहारों ने फासला इतना बढा दिया कि चाह कर भी मिलने नहीं जा सकते । कभी बहन का खुश चेहरा देख पाएंगे या यह हसरत ही रह जाएगी ? Post navigation करोना योद्धाओं ने फिर शुरू की भूख हड़ताल,डीसी ऑफिस पर लगाया धरना बिहार में नीतिश की सरकार……… विश्वासघात का खेल ही है राजनीति